मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन और लगातार सुधारों के चलते उत्तराखंड एक बार फिर केंद्र सरकार से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल करने में सफल रहा है. केंद्र के ख़ान मंत्रालय ने वर्ष 2025-26 की विशेष सहायता योजना (SASCI) के तहत उत्तराखंड को माइनर मिनरल्स रिफॉर्म्स मैं 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की है. इ

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ससे पहले भी माह अक्टूबर 2025 मैं राज्य को एसएमआरआई रैंकिंग मैं दूसरा स्थान प्राप्त होने पर 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिल चुकी है. इस प्रकार खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट सुधारों और बेहतर नीतियों की बदौलत उत्तराखंड को कुल 200 करोड़ रुपये की प्रोहोत्सन राशि प्राप्त हो चुकी है.

राज्य ने हाल के वर्षों में खनन सुधारों पर जोर देते हुए बेहतर नीतियां लागू की हैं, जिसका परिणाम यह है कि उत्तराखंड ने खनन सेक्टर में देश में नंबर-1 स्थान हासिल किया है. केंद्र द्वारा जारी ताज़ा कार्यालय ज्ञाप दिनांक 18.11.2025 में बताया गया है कि राज्य ने खनन क्षेत्र से जुड़ी अधिकांश सुधारात्मक कार्यवाहियों को समय पर और प्रभावी ढंग से लागू किया है. खासतौर पर माइनर मिनरल रिफॉर्म्स से संबंधित 7 में से 6 प्रमुख सुधारों के मानको को सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिससे राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है!

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खनन क्षेत्र में उत्तराखंड सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी और व्यवसाय-हितैषी नीतियों ने सरकार की आय में अभूतपूर्व वृद्धि की है. खनन विभाग के सुदृढ़ प्रबंधन तथा नई नीतियों ने न केवल सरकारी खजाने को मजबूती दी है, बल्कि प्रदेश में खनन कारोबार से लाखो लोगो को रोजगार प्राप्त हो रहा है और इससे जुड़े लाखों व्यापारियों और उद्यमियों को भी आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है. स्थानीय लोगो और सरकारी कार्यदायी संस्था को सस्ते दाम पर निर्माण सामग्री मिल रही है खनन गतिविधियों के चलते राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिली है.

केंद्र सरकार ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि उत्तराखंड खनन क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है और सुधारों को तेजी से लागू कर रहा है. इसी प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र ने वित्त मंत्रालय से राज्य को 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का आदेश जारी किया गया है है. उक्त आदेश में शामिल राज्यों नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में उत्तराखंड का प्रदर्शन सबसे बेहतर दर्ज किया गया है. मंत्रालय के आदेश के अनुसार, सभी राज्यों ने खनन मैं सुधार प्रक्रिया और अधिक प्रभावी बनाई गई है.

इस उपलब्धि के साथ यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड का खनन क्षेत्र राज्य सरकार के लिए  राजस्व का एक  मुख्य स्रोत साबित हो रहा है. बढ़ती पारदर्शिता, बेहतर नीति निर्माण और समयबद्ध सुधारों की वजह से उत्तराखंड अब देश के खनन परिदृश्य में एक मजबूत और विश्वसनीय पहचान बना रहा है! उत्तरप्रदेश, हिमाचल ,जम्मू कश्मीर आदि राज्य भी उत्तराखंड की खनन नीतियों का अनुसरण कर रहे है. 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ई निलामी प्रणाली, सैटेलाइट आधारित निगरानी जैसे कई कदम उठाए गए हैं. सरकार पर्यावरण का ध्यान रखते हुए, अवैध खनन पर लगाम कस रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं.