दिल्ली धमाके के बाद योगी सरकार ने यूपी में मदरसों को लेकर बड़ा कदम उठाया है जिसके तहत यहां के मौलाना और छात्रों का पूरा ब्योरा मांगा गया है. इसी क्रम में एटीएस की प्रयागराज यूनिट ने लेटर जारी करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से मदरसों को लेकर जानकारी मांगी है. जिस पर चित्रकूट जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महेंद्र नाथ प्रताप ने जवाब दिया है.
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने एटीएस को चित्रकूट में चल रहे मदरसों की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में कुल 4 मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं. ये मदरसे शहर मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी में संचालित हैं. जिन पर विभाग के द्वारा पूरी नजर रखी जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि चित्रकूट में मदरसा इस्लामिया स्कूल मादरेवाह, मदरसा बीबी नूरिया बेगम अरबिया अहले सुन्नत, मदरसा दारुल उलूम महबूबिया और मदरसा गुलशने मंसूर इस्लामिया चार मदरसे चल रहे हैं. ये सभी संचालित मदरसे मऊ तहसील और राजापुर तहसील में संचालित हैं.
जिला अधिकारी ने दिया एटीएस को जवाब
महेंद्र प्रताप ने कहा कि अगर चित्रकूट में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से उन पर करवाई की जाएगी. मदरसों में पढ़ाने वाले मौलवियों की जानकारी विभाग के पास आ गई है और सभी गतिविधियों में नजर रखी जा रही है. विभाग के द्वारा लगातार मदरसों पर नजर रखी जा रही है, हम अक्सर भ्रमण करते रहते हैं ताकि अवैध गतिविधियों में संलिप्त मौलवियों पर नजर बनी रहे.
योगी सरकार ने दिए मदरसों की जांच के आदेश
बता दें कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूपी में योगी सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रखने के उद्देश्य से नया प्रोटोकॉल लागू किया है, जिसके तहत प्रदेश में चल रहे सभी मान्यता प्राप्त और ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसे और यहां काम करने वाले शिक्षक, स्टाफ की जानकारी मांगी गई है. जिसमें शिक्षकों की पृष्ठभूमि से लेकर उनका स्थायी पता व अन्य पहचान पत्र देने के निर्देश दिए हैं,
मदरसों में पढ़ने वाले छात्र का भी पूरा विवरण और मोबाइल नंबर सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों अब तमाम बातों को लेकर काफी सतर्कता बरत रही है. सरकार ने साफ़ निर्देश दिया है कि धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों में आने-जाने वालों की पहचान व क्रास चेकिंग होना जरूरी है. ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके.