Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में सरकारी योजनाएं वक्त पर परवान नहीं चढ़ पा रही है, जिस वजह से या तो योजनाओं का पैसा लैप्स हो जाता है या फिर इन योजनाओं पर रोक लग जा रही है. खासकर अगर केंद्र पोषित योजनाओं की बात करें तो कई योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. इसी तरह उत्तराखंड में केंद्र सरकार की भारत नेट (Bharat Net) परियोजना भी अधर में लटक गई है. इस परियोजना के फेस 2 का काम वक्त शुरू न होने की वजह से केंद्र सरकार ने फिलहाल इस योजना पर रोक लगा दी है.


उत्तराखंड छोटा और नया प्रदेश है, यहां हर परियोजना का अपना एक अलग महत्व होता है. जिससे विकास की नई नींव रखी जाती है, लेकिन जब योजनाएं ही वक्त पर पूरी ना हो तो फिर विकास को प्रदेश के अंतिम छोर तक ले जाना संभव नहीं होगा, ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है, सरकारी सिस्टम की हीलाहवाली की वजह से केंद्र सरकार की कई योजनाएं उत्तराखंड में अधर में लटकी हैं. यही नहीं भारत नेट परियोजना भी ऐसी ही लापरवाही के चलते अधर में लटक गई है.


अधर में लटकी भारत नेट योजना


इस योजना के फेस टू का काम वक्त पर पूरा ना होने की वजह से राज्य के तकरीबन 6000 ग्राम पंचायतें इंटरनेट से नहीं जुड़ पाएंगी. इस योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी जिसके लिए केंद्र ने उत्तराखंड को भी चुना था और यहां भी हरगांव को इंटरनेट सुविधा देने के लिए भारत नेट परियोजना शुरू की गई थी, जिसका काम फेस वन के लिए बीएसएनएल को दिया गया था. फेस 2 का राज्य सरकार को हालांकि बीएसएनएल ने यह काम वक्त पर पूरा कर लिया और तकरीबन 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया है. 


बीएसएनएल को दिया जा सकता है काम


केंद्र सरकार ने भारत नेट 2 परियोजना के लिए राज्य सरकार को 2020 में 2000 करोड़ पर भी मंजूर किए थे, इसके तहत 12 जिलों में 65 ब्लॉक की 5951 ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट पहुंचाना था. फेस टू का काम आईटीडीए को दिया गया था, आईटीडीए ने तकरीबन 50 लाख खर्च करके सर्वे भी कराया, लेकिन काम शुरु ना होने की वजह से केंद्र सरकार ने परियोजना रोक दी है, माना यह जा रहा है कि अब फिर से यह काम बीएसएनएल को दिया जा सकता है इसके लिए बीएसएनएल तैयारी में भी जुड़ा हुआ है. 


ये योजना अगर वक्त पर पूरी हो जाती है तो इस योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में मिल पाता, इससे प्रदेश में इ गवर्नेंस ई ऑफिस, ई डिस्ट्रिक्ट , ई हेल्थ, समेत कई इंटरनेट की सुविधाएं लोगों को मिलती,, इतना ही नहीं किसानों को भी फसलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी इसके माध्यम से मिल सकती थी, लेकिन वक्त पर काम पूरा ना होने की वजह से अब यह सभी गांव इंटरनेट की सुविधा से महरूम रह जाएंगे. 


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