Uttar Pradesh News: हरदोई के संडीला में जरूरतमंदो के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गए 252 आवास बनने  से पहले ही कबाड़ में तब्दील हो गए. दरअसल, जब एडीएम इस परियोजना की जांच करने पहुंची तो निर्माण कार्य में लापरवाही की पोल खुली. एडीएम के पैर लगाते ही बिल्डिंग का प्लास्टर भरभराकर गिरने लगा. हरदोई जिले में जरूरतमंदों को आवास देने के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से बने आवासों की दीवारों का प्लास्टर पैर लगाते ही गिर गया.

दरअसल, आईएचएसडीपी योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये की लागत से 252 आवास 10 साल पहले बनने शुरू हुए थे, लेकिन यह सरकारी आवास किसी जरूरतमंदों का घरौंदा बनते इससे पहले ही कबाड़ में बदल गए हैं. जब इस परियोजना की जांच हुई तो निर्माण कार्य में लापरवाही की पोल खुल गई. जिले की बड़ी परियोजनाओं के भौतिक सत्यापन की स्थिति को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी ने संडीला नगर पालिका क्षेत्र में इस परियोजना का निरीक्षण करने गई थीं.

2011 से काम शुरू हुआ थायह आवास जरूरतमंदों को दिए जाने वाले थे इन आवासों का काम मई 2011 से काम शुरू हुआ था और मई 2013 तक यह काम पूरा हो जाना था, लेकिन परियोजना शुरू होने के 11 साल बीतने के बाद यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी. साथ ही जरूरतमंदों को आवास दिए जाने से पहले ही बने हुए ये कबाड़ में बदल गए. इस परियोजना का निर्माण सीएनडीएस संस्था द्वारा कराया गया है, लेकिन पिछले दो वर्षों से इस योजना का काम बंद होने के कारण आवासों के दीवारों का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरने लगा है.

सरियों में लगा जंगआवास में लगाई गई सरिया में अभी से जंग दिखाई पड़ रही है और खिड़की और दरवाजे के फ्रेम खराब हो गए हैं. इस मामले में अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी ने बताया कि आवासों की जांच की गई थी, जिसमें कुछ खामियां पाई गईं है. इसकी पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी गई है, जिसके परीक्षण के बाद पूरे मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें -

Uttarakhand Politics: हरीश रावत ने रोटी-गुड़ की पार्टी के बहाने BJP सरकार को घेरा, अनाजों की अनदेखी का लगाया आरोप