Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) के लिए चुने गए विधायक आज शपथ लेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी आज विधायक के तौर पर शपथ लेंगे. आज से ही विधानसभा अध्यक्ष (UP Assembly Speaker) चुने जाने की प्रक्रिया शुरू होगी. प्रदेश में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण आज और कल यानि 28 और 29 मार्च दोनों दिन होगा. शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11 बजे से विधानसभा में शुरु होगा. प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री विधायकों को शपथ दिलाएंगे.


किस पार्टी के कितने विधायक हैं
बता दें कि राज्य की 403 सीटों में बीजेपी को 255 सीटें मिली हैं. उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 12 सीटें और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) को छह सीटों पर जीत मिली है. राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी को गठबंधन के सहयोगी दलों समेत 125 सीटों पर जीत मिली, जिसमें आठ सीटें सहयोगी राष्‍ट्रीय लोकदल तथा छह सीटें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास हैं.


विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कल होगा
उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष का निर्वाचन 29 मार्च को होगा. विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने शनिवार को यह जानकारी दी. दुबे की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 29 मार्च की तिथि तय की है. उन्‍होंने बताया कि 29 मार्च को दोपहर बाद तीन बजे विधानसभा मंडप में चुनाव होगा. अध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि 28 मार्च निर्धारित की गयी है.


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कौन है प्रोटेम स्पीकर
विधानसभा का कोई भी निर्वाचित सदस्य किसी दूसरे निर्वाचित सदस्य के नाम का प्रस्ताव करते हुए नामांकन पत्र पेश कर सकता है. नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले सदस्य का शपथ ग्रहण अनिवार्य है. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को लखनऊ के राजभवन में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक रमापति शास्त्री को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई. गोंडा जिले के मनकापुर क्षेत्र से आठवीं बार निर्वाचित रमापति शास्‍त्री विधायकों को शपथ दिलाएंगे. शास्त्री के अलावा चार अन्य लोगों के पैनल को भी शास्त्री की मदद करने के लिए शपथ दिलाई गई.


कौन बन सकता है विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा में पूर्ण बहुमत के आधार पर यह तय है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य को ही विधानसभा अध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा. पिछली 17वीं विधानसभा में 403 सीटों में सहयोगियों समेत 325 सीटें जीतने वाली बीजेपी के हृदय नारायण दीक्षित विधानसभा अध्यक्ष चुने गये थे. इस बार दीक्षित को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था.


भारतीय जनता पार्टी में वरिष्ठता के हिसाब से कई विधायक हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि कानपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र से आठवीं बार निर्वाचित सतीश महाना को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है.


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इन्हें भी मिल सकता है मौका
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली बीजेपी सरकार में सतीश महाना औद्योगिक विकास मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है. पिछली सरकार में समाज कल्‍याण मंत्री रहे आठ बार के विधायक रमापति शास्त्री भी इस बार मंत्रिमंडल में स्थान नहीं पा सके. शास्‍त्री भी आठ बार के विधायक हैं और वरिष्ठता क्रम में उन्हें भी मौका मिल सकता है.