UP News: मदरसों के सर्वे पर मायावती के ट्वीट और समाजवादी पार्टी के आरोपों पर बयानबाजी तेज होते जा रही है. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में सपा, बसपा और कांग्रेस इन तीनों दलों का ही मुस्लिम वोट बैंक कॉमन है. यह अभी तक ये सब मुसलमानों के वोट हथियाने के लिए काम करते थे. अब मुस्लिम समझ चुका है और जागरूक हो चुका है. अब वह जानता है कि वह वोट की राजनीति की गई. विकास की राजनीति नहीं की गई. विकास होता है ज्ञान से शिक्षा मिलती है.


मंत्री ने कहा कि मदरसों में जो बच्चे पढ़ते हैं, वह गरीब मुसलमानों के बच्चे होते हैं. जो लोग विरोध कर रहे हैं जो कभी मदरसे में नहीं पढ़े और ना ही कभी इनके बच्चे मदरसे में पढ़े हैं. यह खुद कान्वेंट में पढ़े और अपने बच्चों को भी कान्वेंट में पढ़ा रहे हैं. ये नहीं चाहते कि गरीब मुसलमान के बच्चों को हिंदी, इंग्लिश, विज्ञान, सामाजिक विषय जैसे आधुनिक विषय की जानकारी मिले. यह आईएएस या आईपीएस ना बन जाए, यह मजदूर के मजदूरी ही रहे यह इन पार्टियों की मंशा है क्योंकि अब ये इनका गलत प्रयोग नहीं कर पाएंगे.


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मायावती को दिया जवाब
पीएम मोदी का कहना है कि हम मदरसे के मुसलमान बच्चों के एक हाथ में लैपटॉप और एक हाथ में कुरान देंगे. पीएम मोदी के सपनों का यूपी बने अच्छी शिक्षा के लिए हम मदरसों का सर्वे करा रहे हैं. मायावती अब नेपथ्य में चली गई हैं. अब उन्हें शायद कहीं आस जगी होगी कि मुसलमानों उन्हें वोट देंगे, लेकिन नागरिक सुविधाएं जितनी हिंदुओं को मिल रही उतनी मुसलमानों को मिल रही है. बीजेपी जाति धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करती है. सबका विकास करने के लिए काम करती है, इसलिए मुसलमान उत्तर प्रदेश का खुश हैं.


वहीं सपा प्रमुख को जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव के पास अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है. अब चोर की दाढ़ी में तिनका हमारे कहा जाता है, जो जैसा होता है वैसा ही विचार रखता है. अब समाजवादी पार्टी निश्चित रूप से जाति मजहब बिरादरी के आधार पर राजनीति करती है. यह धर्म के झगड़े करा कर फसाद करा कर अपनी तरफ मुसलमानों का झुकाव करते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इसलिए उन्हें परेशानी हो रही है.


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