लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिये बनाये गये कानून को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिल गई है. इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है. साथ ही दूसरे धर्म में शादी करने के आवेदन का प्रारूप भी जारी किया गया है.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लव जिहाद को लेकर सख्त है. प्रदेश में में जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उ.प्र. विधि विरुद्ध प्रतिषेद अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी. अब कोई भी व्यक्ति अपना धर्म और पहचान छुपाकर यदि किसी युवती को अपने जाल में फंसाएगा, उससे शादी करेगा और उसका धर्म परिवर्तन कराएगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


कैबिनेट बैठक में पास हुआ था बिल


राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर चर्चा हुई. योगी कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ है और लव जिहाद के कानून पर मुहर लग गई है. बैठक में पहले 21 प्रस्ताव पास हुए थे लेकिन धर्मांतरण के मामले पर प्रस्ताव पास नहीं हुआ. बाद में फिर से चर्चा कर प्रस्ताव को पारित किया गया.


सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 10 साल तक की सजा
अध्यादेश में नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है. इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर एक से 10 साल तक की सजा होगी. साथ ही 15 हजार तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है. इसके अलावा सामूहिक रूप से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर जहां 10 साल तक सजा हो सकती है, वहीं 50 हजार तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है.


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