UP News: एटा (Etah) के आईपीएस (IPS) अधिकारी आदित्य प्रकाश वर्मा एक होनहार गरीब कक्षा नौ की छात्रा के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. दरअसल, वे 43वीं वाहिनी पीएसी एटा (PAC Etah) में कमांडेंट हैं. पीएसी के ही एक स्कूल में निरीक्षण करते हुए संजय ने कक्षा आठ की एक छात्रा कुमारी शगुफ्ता से पहाड़े पूछे तो उसने 20 तक के सभी पहाड़े जुबानी सुना दिए. इसके बाद उन्होंने उससे 39 का पहाड़ा पूछा तो इस छात्रा ने 39 का पहाड़ा भी सही-सही सुना दिया और भी कुछ सवाल किये गए, जिनके उसने सही उत्तर दे दिए.

कौन है छात्रावे छात्रा से प्रतिभावित हुए, उनका मानना है कि एक गरीब और साधनहीन छात्रा इतनी प्रतिभाशाली है यदि इसे आगे पढ़ने का मौका मिले तो ये आगे चलकर बहुत अच्छा कर सकती है. बस यहीं से आदित्य प्रकाश वर्मा ने इस मुस्लिम लड़की को गोद ले लिया और निश्चय कर लिया कि वे इस बच्ची को अच्छे स्कूल में अपने खर्चे पर पढ़ाएंगे. वो जो भी बनना चाहेगी उसका सारा खर्चा उठाएंगे. शगुफ्ता अपने परिवार के साथ पीएसी के निकट काशीराम आवासीय कॉलोनी में रहती है और बेहद गरीब परिवार से है. इसके पिता मजदूरी करके परिवार का जीवन यापन करते हैं.

समाज के लोगों के लिए मिसालजहां हिंदू-मुस्लिम के बीच आजकल के माहौल में लोग खाई बना देते हैं. वहीं एटा पीएसी कमांडेंट आदित्य प्रकाश वर्मा ने एक गरीब लेकिन प्रतिभाशाली मुस्लम छात्रा को गोद लेकर जो मानवता और हिंन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है, वो काबिले तारीफ है और समाज के अन्य लोगों के लिए भी एक मिसाल है.

कहां कराया एडमिशनआज 43वीं वाहिनी पीएससी के कमांडेंट आईपीएस अधिकारी आदित्य प्रकाश वर्मा इस छात्रा और इसके परिजनों को लेकर एटा के सबसे अच्छे स्कूल श्री राम बाल भारती इंटर कॉलेज में पहुंचे. इसका कक्षा 9 में एडमिशन कराया, साथ ही उसकी एक साल की पूरी फीस जमा की. उसकी पुस्तकें और ड्रेस आदि की भी व्यवस्था की.

क्या बोले आईपीएसआईपीएस अधिकारी कमांडेंट एटा आदित्य प्रकाश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मैंने शगुफ्ता को गोद ले लिया है. उसका कक्षा 9 में एटा के श्री राम बाल भारती स्कूल में एडमिशन करा दिया है. जब तक उसका कैरियर सेट नहीं हो जाता मैं अपने खर्चे से उसकी पूरी पढ़ाई कराऊंगा  और हर संभव उसकी मदद करूँगा.

क्या बनना चाहती है छात्राशगुफ्ता के परिवार वालों ने 43वी पीएसी वाहिनी कमांडेड आदित्य प्रकाश वर्मा का आभार प्रकट किया और कहा कि हम बहुत गरीब लोग हैं. जब इतने बड़े अधिकारी ने हमारी बेटी को गोद लिया है और उसका पढ़ने का जिम्मा खुद उठाया है. हम इसके लिए बहुत आभार प्रकट करते हैं. शगुफ्ता ने बताया कि उसकी भी इच्छा थी कि वो भी किसी अच्छे स्कूल में पढ़े. उसने बताया कि वो आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है.

क्या है आईपीएस का निश्चयइस अवसर पर आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि मैंने अपनी जिंदगी में अभावों को झेला है. इसलिए मैं दूसरों का दर्द भी समझ सकता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने वेतन का 20 फीसदी भाग गरीब बच्चों की पढ़ाई में खर्च करूंगा. उसी के तहत आज इस प्रतिभाशाली बच्ची का इस स्कूल में एडमिशन कराया है.

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