DM e-कॉन्क्लेव में हमीरपुर के डीएम ज्ञानेश्वर तिवारी ने बताया कि हमीरपुर ग्रामीण आबादी वाला जिला है. आज की तारीख में हमारे यहां 328 एक्टिव केस हैं. इनमें से 45 अस्पताल में भर्ती हैं, 260 होम आइसोलेशन में हैं. हम लगातार ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट कर रहे हैं. हमारा टेस्टिंग का टार्गेट 1500 का है लेकिन हम रोजोना इससे ज्यादा टेस्ट कर रहे हैं. दूसरी लहर के बाद से लोगों में टीकाकरण को लेकर थोड़ी आशंकाएं बनी हैं. लेकिन हम लगातार अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें जागरूक करने का काम कर रहे हैं. हमें सफलता भी मिल रही है. जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. जिले को हमने सेक्टर में बांटा है, मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी इसकी निगरानी कर रहे हैं.


ग्रामीण इलाकों में बिना देरी पहुंच रही एंबुलेंस
DM e-कॉन्क्लेव में भदोही की डीएम आर्यका अखौरी ने बतााया कि भदोही में हमने में टेस्ट, आइसोलेट और इलाज करने की रणनीति पर काम किया है. इसका हमें अच्छा रिजल्ट भी मिला है. हमारे यहां सिर्फ 720 एक्टिव केस रह गए हैं. इसमें 600 के करीब केस होम आइसोलेशन में हैं. पॉजिटिविटी रेट लगातार हम हो रही हैं. निगरानी समितियां, आरआर टीम भी लगातार निगरानी कर रही हैं. उन्हें जरूरी दवाइयां दी जा रही हैं. ग्रामीण इलाकों के मरीजों के लिए भी व्यवस्था की गई है. हल्के लक्षण वाले मरीजों को घरों पर ही इलाज करवाने को कहा जा रहा है. वहीं, अगर किसी ही हालत गंभीर होती है तो वो कंट्रोल रूम में फोन करके एंबुलेंस के लिए कह सकता है. वहां से उन्हें प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में ले जाया जा सकता है. होम आइसोलेशन के लिए आरआर टीम सबसे पहले एक्टिव होती है. इसके बाद लगातार कंट्रोल रूम से भी परामर्श दिया जाता है.


बदायूं की डीएम ने भेजा वीडियो संदेश
DM e-कॉन्क्लेव में बदायूं की डीएम दीपा रंजन ने वीडियो संदेश भेजा. दरअसल, दीपा रंजन का परिवार कोरोना पॉजिटिव है, इसलिए वो कार्यक्रम में नहीं जुड़ सकीं. लेकिन, जिले में कोरोना की तैरारियों को लेकर उन्होंने वीडियो संदेश जरूर भेजा. वीडियो संदेश में डीएम दीपा रंजन ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन का पालन करवायाा जा रहा है. सभी क्षेत्रों को सैनिटाइज किया जा रहा है, कन्टेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. समाज के अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की मदद भी ली जा रही है. संक्रमित व्यक्ति के उपचार के लिए भी काम कर रहे हैं. कोविड कमांड सेंटर के जरिए होम आइसोलेशन में मरीजों से संपर्क किया जा है. रैपिड रिस्पॉन्स टीम का भी गठन किया गया है. आरआर टीम के जरिए मेडिकल किट भी भेजी जा रही है. ग्रामीण इलाकों के लिए भी ग्राम समितियों से घर-घर सर्वे करवाया जा रहा है. अगर किसी व्यक्ति में लक्षण पाए जाते हैं तो निगरानी समिति मेडिकल किट उपलब्ध करवाती है. इसके बाद उनकी जांच करवाई जाती है. बाहर से आने वालों लोगों के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है.


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