मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में तैनात एक महिला पीसीएस अधिकारी को एक साल के लंबे कार्यकाल के बाद जनहित में स्थानांतरित कर दिया गया. बताया जा रहा है कि मेरठ के सरधना विधायक संगीत सोम के साथ पीसीएस अधिकारी अमिता वरुण का कुछ समय से विवाद चल रहा है. अमिता वरुण की पिछले साल सितंबर में मेरठ के सरधना नगर निगम में कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के रूप में तैनात हुई थीं. ये उनका 17वां ट्रांसफर था जो अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है.


इतना ही नही उन्हें पिछले तीन वर्षों में, उनकी कार्यशैली के कारण कम से कम 10 बार स्थानांतरित किया गया था, जिसमें अधिकांश आरोप इस बात का था कि उनका स्थानीय नेताओं से व्यवहार ठीक नहीं है. और इस बार भी यही हुआ. 2007 बैच की पीसीएस अधिकारी अमिता वरुण को रविवार रात बुलंदशहर के जहांगीराबाद में स्थानांतरित कर दिया गया.


दरअसल, सरधना विधायक संगीत सोम और अधिशासी अधिकारी (ईओ) अमिता वरुण मेरठ के सरधना में नगर पालिका के एक कर्मचारी की मौत के मामले को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. ईओ ने विधायक पर अपने खिलाफ माहौल बनाने का आरोप तो विधायक ने उन पर पालिकाकर्मियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया.


इस बीच मृत कर्मचारी की पत्नी ने ईओ और चेयरपर्सन के प्रतिनिधि शाहवेज अंसारी के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत कर दी. जिसके बाद एसडीएम अमित कुमार, सीओ आरपी शाही और थानाध्यक्ष उपेंद्र मलिक शाम को ईओ से मिलने नगर पालिका उनके दफ्तर पहुंच गए लेकिन, वह कार्यालय में नहीं मिलीं. उधर, ईओ ने पूरे मामले से जिलाधिकारी के बालाजी को अवगत कराते हुए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके खिलाफ स्थानीय विधायक साजिश रच रहे हैं.


विधायक ने कहा- कर्मचारियों के प्रति ईओ का व्यवहार खराब
इसके बाद आरोपी-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ. विधायक ने कहा कि कर्मचारियों के प्रति ईओ का व्यवहार बहुत खराब है, जिसके चलते पालिका में अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है. कर्मचारी उनके खिलाफ आंदोलन भी कर चुके हैं. पलटवार करते हुए ईओ ने कहा, जब से कार्यभार संभाला है, विधायक के इशारे पर उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. इसके चलते उन्हें काम करने में परेशानी हो रही है.


वहीं, सरधना विधायक ने जबाब में कहा कि ईओ कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही हैं, जिसके चलते एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है. एक अन्य अस्पताल में भर्ती हैं. उनसे परेशान एक महिला कर्मचारी ने उनके खिलाफ थाने में तहरीर दी है. ईओ का व्यवहार अच्छा नहीं है जिसके चलते उनके कुछ ही समय में 17 तबादले हो चुके हैं. अब यहीं से समझ लीजिए कि वो सरकार के खिलाफ भी मुकदमा लड़ रही हैं.


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