उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और नकल रोकने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब UPPSC की सभी भर्ती परीक्षाओं के लिए चार सेट में प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे. इस महत्वपूर्ण बदलाव को लागू करने के लिए कैबिनेट ने संशोधन अध्यादेश 2025 को विधानमंडल में पेश करने की मंजूरी दे दी है. यह निर्णय पेपर लीक और गड़बड़ी की घटनाओं को रोकने में कितना कामयाब होगा इसका पता आने वाले समय में पता चलेगा.
बताते चलें कि पहले UPPSC परीक्षाओं में एक ही सेट का प्रश्नपत्र होता था, जिससे पेपर लीक और नकल की संभावना बनी रहती थी. अब चार सेट में पेपर तैयार होने से सभी अभ्यर्थियों को अलग-अलग प्रश्नपत्र मिलेंगे. इससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और नकल या लीक जैसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भविष्य में परीक्षा की विश्वसनीयता को मजबूत करेगा.
मुद्रक पर सख्ती, होगी कानूनी कार्रवाई
कैबिनेट के फैसले के तहत, प्रश्नपत्र छपाई की जिम्मेदारी लेने वाले मुद्रक पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी. यदि छपाई के दौरान लापरवाही, गड़बड़ी, या पेपर लीक की स्थिति पाई जाती है, तो मुद्रक पूरी तरह जिम्मेदार होगा. परीक्षा नियामक अधिकारी इस स्थिति में मुद्रक के खिलाफ विधिक कार्रवाई करेंगे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और सख्त होगी.
कड़ी सुरक्षा और गुणवत्तापरक मूल्यांकन
परीक्षा प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए सुरक्षित छपाई, प्रश्नपत्रों की कोडिंग, गोपनीयता बनाए रखने, और वितरण पर उच्च स्तर की निगरानी की जाएगी. साथ ही, चारों सेट के प्रश्नपत्रों का गुणवत्तापरक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. यह कदम परीक्षा की निष्पक्षता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा.
यहां बता दें कि बीते सालों में कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने से सरकार की छवि पर प्रभाव पड़ता था.जिसको पूरी तरह रोकने के लिए सरकार ने मन बना लिया है.लेकिन सरकार की इस योजना को नक़ल माफिया भेद पाएंगे या नहीं ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा.