Tinka Tinka Prison Reforms: उत्तर प्रदेश देश का वो राज्य है जहां पर कैदियों की संख्या भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. तिनका तिनका फाउंडेशन यहां की जेलों के अंदर कैदियों में सुधार उनके कल्याण और उनके व्यवहार में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत है. तिनका तिनका के इस प्रयास को यूपी सरकार ने सराहा और सम्मानित किया है. गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी 2024 को  डीजीपी/एडीजी, जेल एडमिनिस्ट्रेशन एंड करेक्शनल सर्विसेज एस. एन. सबत की तरफ से तिनका-तिनका को सम्मानित किया गया.


इस मौके पर तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक और जेल सुधारक डॉक्टर वर्तिका नंदा ने इसे गर्व का क्षण बताया. उन्होंने कहा कि तिनका-तिनका की जेलों की यात्रा में उत्तर प्रदेश का एक अहम योगदान रहा है. जब 2015 में तिनका तिनका डासना पर काम हो रहा था, उस वक्त यूपी के अंदर की जेलों को और ध्यान से देखने का मौका मिला. 2016 में तिनका तिनका डासना हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुई. इस किताब में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों पर खास तौर पर फोकस किया गया. इस किताब का अंग्रेजी अनुवाद खुद नुपूर तलवार ने किया, जो उस वक्त खुद डासना जेल में बंद थीं.


तिनका तिनका ने किया पहले जेल रेडियो को स्थापित 


इसके बाद में इन जेलों के साथ अपना एसोसिएशन और गहराता गया. 2019 में जिला जेल आगरा में तिनका तिनका ने पहले जेल रेडियो को स्थापित किया. ये भारत की सबसे पुरानी जेल इमारतों में मानी जाती हैं. इस जेल में ये भी पहली बार हुआ कि महिला जेल बंदिनी को रेडियो जॉकी के तौर पर तैयार किया गया. उसके बाद जब कोरोना आया, उस वक्त ये बात सामने आयी कि बंदियों के अवसाद को कम करने में जेल का रेडियो एक बड़ी भूमिका अदा करता है.


वर्तिका नंदा ने आगे कहा कि उसके बाद जेल रेडियो की ये यात्रा और आगे बढ़ती गई. एक और बड़ी बात ये हुई कि आईसीसीएसआर के साथ एक विशेष रिसर्च पर काम हुआ, जो जेल की बंदियों की कम्युनिकेशन खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के पर केंद्रित थी. इस रिपोर्ट को सरकार ने बेहतरीन माना. पब्लिकेशन के लिए उसकी सिफारिश की गई. इसमें कई ऐसे तथ्य हैं, जो यूपी की जेलों के लिए और भारत सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं, क्योंकि जेलें भारत में भले ही स्टेट सब्जेक्ट हैं लेकिन इसमें कई ऐसी सिफारिशें हैं जो अलग-अलग राज्य सरकारें अपना सकती हैं.


जेल में आयोजित किया गया तिनका तिनका अवार्ड समारोह


वर्तिका नंदा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत की कई जेलों को देखने को अवसर मिला है. 2019 में जो तिनका तिनका इंडिया अवार्ड का समारोह लखनऊ जिला जेल में आयोजित किया गया था. उस समय डीजीपी और एजीपी, प्रिजन्स, आनंद कुमार ने उन अवॉर्ड्स को रिलीज किया था. आगरा की जेल से दो बंदी खास तौर पर उस दिन वहां पर आए थे, जो जेल रेडियो जॉकी बने थे. 


साल 2022 में तिनका तिनका अवॉर्ड में डासना की जेल के एक बंदी को पेंटिग कैटगरी में दूसरा पुरस्कार मिला, ऐसी बहुत सी चीजें हुई है. ऐसे में मुझे हैरान करने वाली और खुशी के साथ ये खबर मिली थी कि तिनका तिनका फाउंडेशन को जेल में उत्कृष्ट सेवा के लिए यूपी सरकार ने विशेष अवार्ड के लिए चयन किया है. ये अवॉर्ड तिनका-तिनका फाउंडेशन के लिए गर्व का पल और जिम्मेदारी से भरा हुआ भी है.


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