उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गैंग कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) परीक्षा-2025 में फिजिकल हैंडीकैप्ड (PH) उम्मीदवारों को फर्जी प्रमाणपत्र और गलत तरीके से लेखक (स्क्राइबर) उपलब्ध कराकर नकल करा रहा था. इस मामले में गैंग के सरगना सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बताया गया कि गैंग का संचालन सागर पाण्डेय नाम का युवक करता था, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह SSC परीक्षाओं में फर्जी पीएच प्रमाणपत्र बनवाकर उम्मीदवारों को अपंग श्रेणी में शामिल कराता था.
इसके बाद ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा में मदद दिलाने के लिए बीटेक या एमएससी जैसे उच्च शिक्षित लोगों को लेखक बनाकर अंदर भेजता था. नियमों के अनुसार, स्क्राइबर केवल उम्मीदवार से एक स्तर कम पढ़ा हुआ होना चाहिए, लेकिन यहां सीधे इंजीनियरों को बिठाया जा रहा था ताकि वे पेपर हल कर सकें.
गैंग ने परीक्षा केन्द्र के कर्मचारियों से कर रखी थी सांठगांठ
इस गैंग ने परीक्षा केन्द्र के कर्मचारियों से भी सांठगांठ कर रखी थी. जांच में सामने आया कि “आदर्श परीक्षा केन्द्र” सेक्टर-80, नोएडा के सेंटर हेड रोहित कुमार और मैनेजर नरेन्द्र सिंह भी इस नेटवर्क से जुड़े थे. इनकी मदद से गैंग आसानी से साल्वरों (नकल करने वालों) को परीक्षा हॉल में प्रवेश दिला देता था.
छापेमारी में फर्जी सर्टिफिकेट सहित काफी समान बरामद
एसटीएफ ने छापेमारी कर 16 फर्जी पीएच मेडिकल सर्टिफिकेट, 13 मोबाइल फोन, कई आधार और पैन कार्ड के साथ करीब 14.75 लाख रुपये नकद बरामद किए. गैंग उम्मीदवारों से नकल कराने के बदले एक से दो लाख रुपये वसूलता था. वहीं साल्वरों को प्रति घंटे के हिसाब से 10 हजार रुपये दिए जाते थे.
सरगना ने कहा- सॉल्वरों को बैठाकर कमाता था पैसे
यह कार्रवाई 19 सितंबर की शाम नोएडा में गौर सिटी टावर और परीक्षा केन्द्रों पर की गई. पूछताछ में सरगना सागर पाण्डेय ने माना कि उनका गिरोह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में इसी तरीके से साल्वरों को बैठाकर लाखों कमाता है.
हर साल करोड़ों अभ्यर्थी देते हैं एग्जाम
गौरतलब है कि SSC CGL देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है, जिसके जरिए केंद्र सरकार में लाखों युवाओं को नौकरी मिलती है. हर साल करोड़ों परीक्षार्थी इसमें बैठते हैं. इसी कारण यह परीक्षा माफियाओं का टारगेट बनती रही है. बीते वर्षों में यूपी, बिहार और दिल्ली में ऐसे कई गिरोह पकड़े जा चुके हैं, जो पेपर लीक, साल्वर या फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए उम्मीदवारों से भारी रकम वसूलते थे.
एसटीएफ की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि परीक्षा माफिया किस तरह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना फेस-2, नोएडा में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.