भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जनगणना के आंकड़ों को लेकर दी गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेता ने दावा किया है कि अखिलेश, पिछड़े वर्ग के लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

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पाल ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का फैसला ऐतिहासिक है, स्वागत योग्य है. केंद्रीय गृह मंत्री ने न केवल जनगणना की घोषणा की बल्कि पूरा शेड्यूल भी दिया कि यह जनगणना कैसे होगी. ये आंकड़े हर घर से एकत्र किए जाएंगे. देश के 34 लाख कर्मचारी, अधिकारी ये काम करेंगे. जब इसको लेकर अधिसूचना जारी हो गई है, प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो कांग्रेस को लगता है कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा.

उत्तर प्रदेश स्थित डुमरियागंज से बीजेपी सांसद ने कहा कि इसलिए चाहे वह जयराम रमेश हों या समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव हों वे सिर्फ देश के पिछड़े वर्ग को गुमराह करने के लिए कह रहे हैं कि हमें सतर्क रहना होगा, इसमें डेटा छिपाया जा सकता है. वह जो सवाल उठा रहे हैं, वह उनकी हताशा है.

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सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस से पूछे सवालउधर, कांग्रेस की आलोचना करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि 'ओछे' कृत्य का सहारा लेकर विपक्षी पार्टी का मुख्य उद्देश्य समाज में भ्रम पैदा करना और सत्ता हासिल करना है. उन्होंने कहा कि चूंकि कांग्रेस को अपना उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है, इसलिए वह 'मिथ्या बातें, छल और झूठ' फैलाने पर उतर आई है.

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त्रिवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जनगणना के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन और जाति जनगणना भी कराई जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया, 'कांग्रेस की दृष्टि संकीर्ण और सीमित है, बल्कि कहना चाहिए कि उनकी सोच एक दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से प्रेरित है. इसी कारण वे मोदी सरकार द्वारा जनगणना कराने के फैसले में जो स्पष्ट रूप से बताया गया है, उसे देखने में असमर्थ हैं.' 

कांग्रेस ने क्या कहा था?बता दें कांग्रेस ने 16वीं जनगणना पर सरकार की अधिसूचना को ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ करार देते हुए सोमवार को कहा था कि सरकार इस प्रक्रिया में जाति को शामिल करने के मुद्दे पर कुछ नहीं कह रही है. साथ ही, कांग्रेस ने पूछा कि क्या यह सरकार अपने रुख से पलट गयी है? राजपत्र अधिसूचना में जातिगत गणना का कोई उल्लेख नहीं होने के बारे में कुछ भ्रामक सूचनाएं फैलाए जाने पर गृह मंत्रालय ने बाद में जोर देकर कहा कि 2027 की जनगणना में जाति गणना शामिल की जाएगी. 

वहीं सपा चीफ अखिलेश ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि बीजेपी के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है. इसलिए लोग सतर्क और सावधान रहें कि कहीं गलत डाटा न आ जाए.