उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का नाम लिए बिना11 साल पुरानी घटना का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि नेता जी मुलायम सिंह यादव का अपमान किया गया.

दरअसल, सीएम योगी राज्य सरकार की ओडीओपी योजना पर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब मेरी किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या राजनयिक से मुलाकात होती है तो मैं उन्हें ओडीओपी का ही तोहफा देता हूं क्योंकि इससे ये पैसा उन हस्तशिल्पियों और कारीगरों के पास जाएगा जो प्रदेश के विकास में योगदान देता है.

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कहां आया रामपुर, आजम खान और मुलायम सिंह का जिक्र?

सीएम ने कहा कि लेकिन आपके यहां तो जब सैफई महोत्सव आप करते थे और रामपुर में भी जन्मदिन का आयोजन करते थे तो बर्मिंघम की बग्गी मंगाते थे. अपने को समाजवादी कहते हैं. ये तो आप लोगों की स्थिति थी. ये आप लोगों का दोहरा चरित्र और विजन है. आप बात आजादी की करते हैं लेकिन  काम गुलामी जैसा करते हैं. बर्मिंघम की बग्गी बुलाकर नेता जी जैसे भोलभाले आदमी को बदनाम कर दिया आप लोगों ने. 

इसके साथ ही सीएम योगी ने शिवपाल सिंह यादव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि शिवपाल नेताजी के उत्तराधिकारी थे... मगर बेचारे चच्चा, गच्चा खा गए.

क्या है मामला?

बता दें नवंबर 2014 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान ने स्व. मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर बड़ा आयोजन किया था. तब रामपुर में मुलायम सिहं यादव को बग्गी पर बिठाकर जौहर यूनिवर्सिटी तक ले जाया गया था. बग्गी पर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने रामपुर में मुलायम के 76वें जन्मदिन का जश्न मनाया था. दो दिवसीय जन्मदिन समारोह का आयोजन समाजवादी पार्टी द्वारा आजम खान के निर्वाचन क्षेत्र रामपुर में किया गया था.