Lucknow News: बीजेपी ने 2024 के लिए अपना एजेंडा तय कर लिया है. एक बार फिर बीजेपी विकास, राष्ट्रवाद और माफिया पर वार के मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में होगी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गाजीपुर में अपनी सभा से इसका संदेश दे दिया. वैसे तो सीएम योगी पिछले कई दिनों से मंडलवार बैठकें कर जनप्रतिनिधियों से संवाद कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम के अगले दिन सीएम ने जिन तीन मंडल की समीक्षा की वो अपने आप मे काफी अहम हो जाते हैं. ये मंडल हैं मेरठ, वाराणसी और प्रयागराज.ये तीनों ही ऐसे मंडल हैं जो अलग-अलग माफियाओं के गढ़ कहे जाते रहे हैं.


पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने माफिया मुख्तार अंसारी के गढ़ गाजीपुर से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका. गाजीपुर में जेपी नड्डा ने कहा कि यदि चुनाव में ईवीएम का गलत बटन दब जाए तो माफिया राज आ जाता है और सही बटन दब जाए तो गुंडाराज खत्म हो जाता है. पूर्वांचल के कई इलाके ऐसे हैं, जहां विपक्ष कमोबेश मजबूत है. गाजीपुर से चुनावी अभियान का शंखनाद कर नड्डा ने यह जताने की कोशिश की है कि बीजेपी के लिए पूर्वांचल कितनी अहमियत रखता है. अब इन तीनों मंडल की बात कर लेते हैं.


योगी सरकार ने माफियाओं के राज को किया ध्वस्त 
प्रयागराज मंडल में अतीक अहमद के साम्राज्य को योगी सरकार ने ध्वस्त कर दिया है. सीएम के यहां प्रयागराज मंडल की बैठक में शामिल होने पहुंचे बीजेपी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की माने तो अतीक अहमद की 13-14 सौ करोड़ की संपत्ति जब्त की गई. वहीं वाराणसी मंडल की करें तो मुख्तार अंसारी की मऊ में 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई. 


मुख्तार अंसारी पर विभिन्न जिलों में 50 से अधिक मुकदमे चल रहे हैं. उसके करीबियों पर भी योगी सरकार ने शिकंजा कसा. इसी तरह मेरठ मंडल की बात करें तो एक साल में 96 माफियाओं और अपराधियों पर एक्शन हुआ है. इसमें 162 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई. सबसे ज्यादा बागपत में 46 अपराधियों पर एक्शन  हुआ. दूसरे नंबर पर बुलंदशहर में 26, हापुड़ में 14 और मेरठ में 10 अपराधियों पर एक्शन हुआ.अब गरीबों के लिए इस अवैध संपत्ति पर आवास बनाने की तैयारी है.


बीजेपी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सरकार की विकास की योजनाएं बनी हुई है. उस पर क्या काम हुआ है, कितनी गति और देनी है. इन सब चीजों पर चर्चा हुई है. जो आने वाला कुंभ है, 2025 में और भव्य बने, उसका स्वरूप और विस्तृत हो. जो बड़े प्रोजेक्ट हैं उनको गति मिले, जिससे वह समय से क्रियान्वित हो सके. इसके बारे में सीएम सभी से क्षेत्र के बारे में फीडबैक लेते हैं. 


अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि 2017 से इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस है. माफिया के प्रति उसी दिशा में काम हुआ है. मैं जिस विधानसभा से आता हूं या प्रयागराज से आता हूं, वहां भी एक बड़े माफिया अतीक पर बड़ी कार्रवाई हुई. करीब 13-14 सौ करोड़ की उसकी प्रॉपर्टी जब्त की गई, वहां आम जनता के लिए मकान बन रहे. इसी तरह गाजीपुर है. आज कानून व्यवस्था पर जो उत्तर प्रदेश ने पकड़ ली है उसके कारण आज निवेश आ रहा है. 


सपा-बसपा ने कसा तंज
वहीं सीएम की इस तरह की बैठकों की बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने एक तरफ जहां सराहना की वहीं तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि ऐसी शुरुआत होनी चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधि भी अपने स्तर से क्षेत्र की समस्या लेकर आएंगे. समस्या का समाधान करने में सरकार को मदद मिलेगी, इसीलिए असेंबली भी चलाई जाती है, लेकिन सरकार अगर सिर्फ अपने ही दल के विधायकों को बुलाकर समीक्षा कर रही तो उनके दल के लोग तो सिर्फ सरकार की उपलब्धि ही गिनाएंगे. 


पूर्व मंत्री और सपा प्रवक्ता पवन पांडेय ने कहा कि यही दो चार शब्द अगर बीजेपी की डिक्शनरी से निकाल दिए जाए और नेताओं को बोलने से रोक लगा दी जाए तो उनकी जमानत जब्त  हो जाए. यह विकास के मुद्दे पर कुछ बोल नहीं सकते. पिछले कई सालों से सिर्फ देश और प्रदेश को ठग रहे हैं. वही काम निरंतर जारी है. इनका विकास सिर्फ फाइलों में है, ना कोई सुरक्षित है न रोजगार है. 


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