देश में मतदाता सूची और बिहार में SIR को लेकर विपक्ष के साथ ही अब सत्ता पक्ष ने भी बात कहना शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने मतदाता सूची को लेकर बड़ा बयान दिया है. कन्नौज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान असीम अरुण ने कहा कि मतदाता सूची में व्यापक अनियमितताएं हैं, जिन्हें दूर करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की कार्यशैली में सुधार जरूरी है.
उन्होंने दावा किया कि हाल के लोकसभा चुनाव में कन्नौज में हर बूथ पर 10 से 15 भाजपा समर्थकों के वोट गलत तरीके से काटे गए, जिसका सीधा फायदा समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को हुआ. असीम अरुण ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है.
कांग्रेस-सपा ने नहीं दिए सुझाव
मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची सुधार के लिए सभी दलों से सुझाव मांगे थे. भारतीय जनता पार्टी ने 300 से अधिक सुझाव दिए, लेकिन कांग्रेस और सपा सहित विपक्षी दलों ने एक भी सुझाव नहीं दिया. उन्होंने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों पर सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि ठोस समाधान की दिशा में कोई योगदान नहीं दे रहे. असीम अरुण ने सुझाव दिया कि नगर निगम और पंचायत की अलग-अलग मतदाता सूचियों को एकीकृत कर आधार कार्ड से जोड़ा जाए, ताकि गड़बड़ियां खत्म हो सकें.
बिहार में SIR की तारीफ़ की
उन्होंने बिहार में शुरू किए गए सिस्टमैटिक आइडेंटिफिकेशन ऑफ रजिस्ट्रेशन की तारीफ की और कहा कि इससे मतदाता सूची में पारदर्शिता आएगी. असीम अरुण ने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची चुनावी प्रक्रिया की सबसे कमजोर कड़ी है, और इसे सुधारने के लिए गहन पुनरीक्षण जरूरी है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कन्नौज में उनके अपने विधानसभा चुनाव में भी वोट काटे गए थे, जिससे विपक्ष को फायदा हुआ.