Caste Cenus: देश में बहुप्रतिक्षित जनगणना और जातीय जनगणना की तारीखों का ऐलान हो गया है. लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के एक अक्टूबर, 2026 जबकि शेष भारत के पहले आंकड़े 1 मार्च, 2027 तक आ जाएंगे. यह जानकारी भारत सरकार ने दी है. अब इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने अपनी पोस्ट के जरिए यह संदेश दे दिया है कि वह और उनकी पार्टी जातीय जनगणना के मुद्दे को बीजेपी के पाले में नहीं जाने देंगे.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा- मतलब जब आयेगी यूपी में पीडीए सरकार, तब ही होगी जातीय जनगणना की शुरुआत.
बता दें यूपी में जनगणना के पहले आंकड़े तब आएंगे जब 2027 में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में होंगे. ऐसे इन तारीखों के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं. सपा चीफ का यह कहना कि जब राज्य में सपा की सरकार आएगी तब जातीय जनगणना शुरू होगी, इसके यह स्पष्ट मायने हैं कि अखिलेश इस मुद्दे को भुनाने में पीछे नहीं हटेंगे.
UP Politics: जातीय जनगणना की तारीख का यूपी चुनाव से कनेक्शन! कैसे? समझें यहां
भारत सरकार ने क्या कहा है?गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनगणना-2027 को दो चरणों में कराने का निर्णय लिया गया है. जनगणना-2027 के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 होगी. केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के असमकालिक बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1अक्टूबर, 2026 से होगी. जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी.
बता दें भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है. भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी. सरकार ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना भी इसी तरह कराई जानी थी हालांकि कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया था और काम स्थगित करना पड़ा.