UP Politics: वर्ष 2021 से जनगणना की बांट जोह रही देश की जनता की गिनती वर्ष 2027 तक संपन्न हो जाएगी. जनगणना 1 मार्च 2027 तक पूरी हो जाएगी. जनगणना 2 चरणों में देश भर में होगी. 16 जून 2025 को जनगणना की अधिसूचना जारी होगी. अधिसूचना जारी होते ही जनगणना की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. जातीय जनगणना देश भर में जनगणना के साथ होगी. 

पहले चरण में पहाड़ी राज्यों जैसे- जम्मू कश्मीर, लद्दाख,उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की जनगणना 1 अक्टूबर 2026 को पूरी होगी. दूसरे चरण में संपूर्ण भारत में 1 मार्च 2027 तक जनगणना पूरी हो जाएगी.

1 मार्च तक अन्य राज्यों में जनगणना के पहले डेटा आएंगे. तो यह ऐसा समय होगा जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 चल रहे होंगे या अपने अंतिम चरण में होंगे. वर्ष 2026 और 2027 के दौरान यूपी में एक ओर जातीय जनगणना हो रही होगी और दूसरी ओर सियासी तैयारियों के साथ चुनावी पर्व मन रहा होगा. ऐसे में यह वक्त यूपी की सियासत के लिए काफी दिलचस्प माना जा रहा है.

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यूपी में सबकी मांग- जातीय जनगणना होवर्ष 2022 और वर्ष 2017 के चुनावी तारीखों के संदर्भ में देखें तो यूपी में जनगणना के पहले डेटा की जानकारी नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले आ सकती है.

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी लगातार यह मांग करती रही है कि जातीय जनगणना हो ताकि सबको सबकी हिस्सेदारी मिले सके. भारतीय जनता पार्टी में भी एक वर्ग लगातार यह मांग करता रहा है कि जातीय जनगणना की जाए.

इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (एस) भी जातीय जनगणना के पक्ष में आवाज बुलंद करते रहे हैं.

2017 और 2022 में कब कब हुए थे चुनाव?वर्ष 2017 में यूपी में चुनाव की शुरुआत 17 जनवरी से हुई और 8 मार्च 2017 को अंतिम वोट पड़ा था. फिर 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का गठन हुआ. वर्ष 2022 की बात करें तो इस वर्ष चुनाव 14 जनवरी से शुरू हुआ और आखिरी वोट 7 मार्च को पड़ा. परिणाम 10 मार्च को आए थे. इस बार भी बीजेपी की सरकार बनी और योगी ने 25 मार्च को दूसरी बार बतौर सीएम शपथ ली. 

किसी भी विधानसभा के साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल संपन्न होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग को यह अधिकार होता है कि वह 6 महीने के भीतर कभी भी चुनाव करा सकता है. ऐसे में अगर आयोग दिसंबर 2026 के आखिरी और जनवरी 2027 के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है और इसी तरह 7-7 चरणों में चुनाव कराए गए तो जनगणना के पहले आंकड़े आने के बाद ही परिणाम आएंगे और नई सरकार बनेगी.