UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी होने पर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा (Minister AK Sharma) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी 2 दिन पूरा नहीं हुआ है. सबसे पहले सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने यूपी में निकाय चुनाव का रास्ता साफ किया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ओबीसी सहित सभी वर्गों का आरक्षण (OBC Reservation) सुनिश्चित करते हुए हम सही समय पर चुनाव कराने के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने हमें 2 दिन का समय दिया है, हम उस पर काम कर रहे हैं.


मंत्री एके शर्मा ने आगे कहा कि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सबसे बड़ा संदेश यह दिया है कि देश में जहां एक तरफ चुनाव की लोकतांत्रिक व्यवस्था है तो वहीं दूसरी तरफ संवैधानिक व्यवस्था है. ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसका बैलेंस करके ही हम आगे बढ़ सकते हैं. हमने पहले ही कहा था कि बिना ओबीसी का आरक्षण दिए हम चुनाव नहीं कराएंगे, क्योंकि हमें देश की संवैधानिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.


विपक्ष पर लगाया ये आरोप
मंत्री ने कहा, यह पूरी कवायद कैसे शुरू हुई आपको यह जानकर आश्चर्य होगा. आपको आघात लगेगा कि हाईकोर्ट में जो रिट हुई थी उसके पीछे कारण यह है कि मात्र एक नगर निकाय में जहां से नॉन ओबीसी के लोग अध्यक्ष हुआ करते थे हमने 5 दिसंबर को जो आरक्षण किया था उसमें वह आरक्षण ओबीसी का हो गया था. जो लोग ओबीसी के हितैषी की भूमिका में हैं, सच बात यह है कि वे उस ओबीसी सीट डिक्लेअर हुई सीट को जनरल कराना चाहते थे, लेकिन हकीकत यही है. वह ओबीसी सीट को जनरल कराना चाहते थे. इसकी वजह से वे कुछ न कुछ कारण खोज रहे थे. हाईकोर्ट के आदेश में साफ है.


जल्द जारी करेंगे नोटिफिकेशन-मंत्री
मंत्री ने कहा कि, हम इस बात से सहमत नहीं हुए कि ओबीसी के आरक्षण के बिना चुनाव हो, जबकि याचिकाकर्ता यह चाह रहे थे कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हो जाए और ओबीसी की सीट जनरल हो जाए, लेकिन सरकार ने इसका विरोध किया. अभी वह प्रक्रियाधीन है कि कौन-कौन से पद के लिए बदलाव होगा, उसके लिए जल्द नोटिफिकेशन जारी करेंगे, वह बारीक बातें हैं. यह जल्द सामने आएगा, अभी कुछ घंटे और धीरज रखिए.


अखिलेश यादव पर साधा निशाना
अखिलेश यादव के शुद्र वाले बयान पर मंत्री एके शर्मा ने कहा कि, मैंने तो यह पढ़ा कि अखिलेश यादव ने केशव मौर्य को शुद्र कह दिया था. हमने तो अपने किसी नेता को किसी ओबीसी को शुद्र कहते नहीं सुना. हम तो शुद्र को भी शुद्र कहने से बचते हैं. हम उन्हें सम्मानजनक नाम से पुकारते हैं.


अखिलेश यादव के सारस से मिलने पर मंत्री ने कहा कि वे मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनको रह रह कर पछतावा होता है कि कैसे-कैसे अच्छे कार्य कर सकते थे, लेकिन कुछ नहीं किया.   अब पछतावा हो रहा है. मैं चाहता हूं कि वह अपनी उन बातों को याद करें कि राज्य की जनता ने उनकी पार्टी की सरकार को 4 बार मौका दिया. उन्हें खुद 5 साल मुख्यमंत्री के तौर पर  मौका दिया. उसमें वे बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत.


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