UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के दूसरे चरण में वोटिंग 11 मई को होगी. पहले चरण में 4 मई को वोट डाले जा चुके हैं. बहुजन समाज पार्टी (BSP) इस चुनाव में जोर-शोर से जुटी है, लेकिन यूपी में सत्ता के गलियारों में ये सवाल गूंज रहा है कि बीएसपी के रणनीतिकार सतीश चन्द्र मिश्रा (Satish Mishra ) इस चुनाव में नजर नहीं आ रहे हैं. ना तो रणनीति तैयार करने में ना ही प्रचार में और तो और कर्नाटक (Karnataka) में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी वो पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं हैं.


बीएसपी में सतीश चंद्र मिश्र की क्या अहमियत है. यह पार्टी का कैडर बखूबी समझता है. 2007 में जब बहुजन समाज पार्टी की फुल मेजॉरिटी से प्रदेश में सरकार बनी, तब यही कहा गया कि यह सतीश चंद्र मिश्र की सोशल इंजीनियरिंग का ही कमाल है. सतीश चंद्र मिश्रा लगातार बहुजन समाज पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकार रहे हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सबसे ज्यादा अगर पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर किसी ने जनसभाएं की, प्रचार किया तो वह सतीश चंद्र मिश्र ही थे. लेकिन इस बार निकाय चुनाव में वो कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं.


11 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में
वो ना तो प्रचार कर रहे हैं, ना ही कहीं बैठकों में दिख रहे हैं. इतना ही नहीं कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में भी वो पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं हैं. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब उन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक नहीं बनाया, बल्कि आजमगढ़ और रामपुर में जब लोकसभा के उपचुनाव हो रहे थे तब भी वह पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल नहीं थे. बहुजन समाज पार्टी ने इस बार 17 नगर निगमों में मेयर पद पर 11 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं. तमाम जगहों पर पार्टी जीत का दावा भी कर रही है, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कहीं भी इस चुनाव में प्रचार करते नजर नहीं आ रहे हैं.


सतीश चंद्र मिश्रा ने निकाय चुनाव में नहीं डाला वोट
इतना ही नहीं जब बीएसपी सुप्रीमो मायावती लखनऊ में वोट डालने गईं, तब भी वो उनके साथ नजर नही आए. हालांकि इससे पहले जब भी मायावती वोट डालने जाती थी, तो सतीश चंद्र मिश्रा उनके साथ नजर जरूर आते थे. वहीं निकाय चुनाव में वोटिंग के दिन वो खुद वोट डालने के लिए नहीं पहुंचे. हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि वो स्वास्थ्य कारणों के चलते वोट डालने नहीं जा पाए. अब सवाल यह उठ रहा है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, मायावती खुद वहां प्रचार करने जा रही हैं और यूपी से तमाम नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया गया है.


ऐसे में सतीश चंद्र मिश्र को उसमें शामिल क्यों नहीं किया गया. अब बीजेपी भी कह रही है कि बहुजन समाज पार्टी की रणनीति समझ से परे है. मायावती प्रचार करने नहीं जाती. सतीश चंद्र मिश्र भी कहीं दिख नहीं रहे हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल का इस पर अपना तर्क है. बता दें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये निकाय चुनाव सभी दलों के लिए अहम माना जा रहा हैं, लेकिन ऐसे में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव का सियासी परिदृश्य से गायब रहना सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है.


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