UP Mayor Election 2023: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों के महापौर पद पर एकतरफा जीत हासिल की है. किसी भी विपक्षी दल को महापौर सीट पर जीत नहीं मिली.


बीजेपी ने जहां भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में महापौर सीट अपने पास बरकरार रखी, वहीं राज्‍य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी फिर से पार्टी के उम्मीदवार को मतदाताओं ने महापौर चुना है.


राज्‍य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार उप्र के 17 नगर निगमों में 17 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये हैं और इनमें सभी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महापौर चुने गये हैं.


आयोग ने बताया कि बीजेपी को अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के अलावा अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद नगर निगमों में भी महापौर पद पर जीत मिली है.


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14 नगर निगमों में नये चेहरों पर दांव लगाया
बीजेपी ने 17 नगर निगमों में कानपुर नगर की महापौर प्रमिला पांडेय, बरेली के उमेश गौतम और मुरादाबाद के विनोद अग्रवाल को दोबारा मौका दिया था और तीनों फिर से चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके अलावा बीजेपी ने अन्‍य 14 नगर निगमों में नये चेहरों पर दांव लगाया था.


लखनऊ से महापौर पद पर बीजेपी की सुषमा खर्कवाल निर्वाचित घोषित की गयी हैं. राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम के चुनाव में लखनऊ के महापौर पद पर खर्कवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की वंदना मिश्रा को पराजित कर दिया. खर्कवाल को 5,02,660 मत मिले वहीं सपा की वंदना मिश्रा को 2,98,519 मतों से संतोष करना पड़ा. यहां कुल 13 उम्मीदवारों में कांग्रेस की संगीता जायसवाल 1,02,633 मत पाकर तीसरे नंबर पर रहीं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की शाहीन बानो 75 हजार से अधिक मत पाकर चौथे स्थान पर रहीं.


वाराणसी नगर निगम के महापौर सीट पर बीजेपी के अशोक तिवारी ने सपा के ओ पी सिंह को पराजित किया. आयोग के अनुसार तिवारी को 2,91,852 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के ओ पी सिंह ने 1,58,715 मत हासिल किए. यहां कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव को 94,288 और बसपा के सुभाष मांझी को 36,218 मत मिले.


एसईसी के अनुसार गोरखपुर में बीजेपी के डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की काजल निषाद को पराजित किया. डॉक्टर श्रीवास्तव को कुल 1,80,629 मत मिले जबकि निषाद को 1,19,753 मत मिले. कुल 13 उम्मीदवारों में बसपा तीसरे, एआईएमआईएम चौथे और कांग्रेस के उम्मीदवार पांचवें स्थान पर रहे.


अयोध्या की महापौर सीट अनारक्षित
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, अयोध्या में बीजेपी के गिरीश पति त्रिपाठी ने 77,494 मतों के साथ महापौर का चुनाव जीता और सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष को 35,638 मतों के अंतर से हराया. आशीष को 41,856 वोट मिले.


अयोध्या की महापौर सीट अनारक्षित है. दिलचस्प बात यह है कि एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के उम्मीदवार रेहान ने बसपा के राम मूर्ति (12,852) और कांग्रेस की प्रमिला राजपूत (4,084) से ज्यादा 15,107 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया.


अयोध्या में आठ मई को मणिराम दास छावनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने बीजेपी के महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी का समर्थन करते हुए कहा था, ‘‘अयोध्या से कोई राम भक्त लोकतंत्र के इस पर्व (नगर निकाय चुनाव) में विजयी होता है तो यहां के बारे में अच्छी धारणा बनती है.’’


उन्होंने कहा था, ‘‘जब रामभक्तों पर गोली चलाने वाला व्यक्ति कुछ वोट पाता है तो इसका बहुत खराब संदेश जाता है.’’ 2017 के नगर निकाय चुनावों में अयोध्या ने अपना पहला महापौर चुना था और बीजेपी के ऋषिकेश उपाध्याय विजयी बने थे.


तीसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस 
कानपुर नगर में बीजेपी की प्रमिला पांडेय ने 4,40,353 मत पाकर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की वंदना वाजपेयी को पराजित किया. वंदना को 2,62,507 मत मिले. यहां कुल 13 उम्मीदवार थे और तीसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस की आशनी विकास अवस्थी को 90,480 मत मिले.


झांसी में, बीजेपी के बिहारी लाल आर्य ने 1,23,503 वोट हासिल किए और कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद कुमार को 83,587 मतों के अंतर से हराया. बसपा तीसरे स्थान पर रही, जबकि सपा ने चौथा स्थान हासिल किया.


बरेली में, बीजेपी के उमेश गौतम ने 1.67 लाख से अधिक मत प्राप्त कर निर्दलीय उम्मीदवार इकबाल सिंह तोमर को 56,343 मतों के अंतर से हराया. गौतम को बीजेपी ने दोबारा मौका दिया था और वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे.


मथुरा-वृंदावन में भी बीजेपी उम्मीदवार विनोद कुमार अग्रवाल ने 1.45 लाख से अधिक वोट हासिल किए और बसपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजा मोहतसिम अहमद को 1.10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया.


मुरादाबाद में बीजेपी के विनोद अग्रवाल (1.21 लाख से ज्यादा वोट) ने कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान (1.17 लाख से ज्यादा वोट) को 3,642 वोटों के अंतर से हराया. इसी प्रकार सहारनपुर में बीजेपी के अजय कुमार ने बसपा की खदीजा मसूद को 8031 मतों के अंतर से हराया.


सपा के अजय कुमार श्रीवास्तव को हराया
प्रयागराज में उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने 2.35 लाख से अधिक वोट हासिल किए और सपा के अजय कुमार श्रीवास्तव को हराया, जिन्हें 1.06 लाख से अधिक वोट मिले थे.


पिछले महापौर चुनाव में बसपा द्वारा जीते गए अलीगढ़ में बीजेपी के प्रशांत सिंघल ने 1.93 लाख से अधिक वोट हासिल कर सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जमीर उल्लाह खान को 60,902 मतों के अंतर से हरा दिया. यहां बसपा के सलमान शाहिद तीसरे स्थान पर रहे.


शाहजहांपुर, में बीजेपी की अर्चना वर्मा ने महापौर की सीट पर 80,762 मतों से जीत हासिल की और कांग्रेस के निकहत इकबाल को 50,484 मतों से हराया. गाजियाबाद में, बीजेपी की सुनीता दयाल ने 3,50,905 वोट हासिल कर बसपा की निसारा खान को पराजित किया, जिन्हें केवल 63,249 वोट मिले.


आगरा में बीजेपी की हेमलता दिवाकर ने बसपा की लता को पराजित किया. हेमलता को 4,40,353 और लता को 1,59,497 मत मिले. सपा की जूही प्रकाश तीसरे नंबर पर रहीं.


मेरठ में बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया ने 2,35,953 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एआईएमआईएम के अनस को पराजित किया. अनस को 1,28,547 मत मिले. सपा की सीमा प्रधान 1,15,964 मत पाकर तीसरे स्‍थान पर रहीं जबकि 2017 में मेरठ महापौर की सीट पर कब्जा करने वाली बसपा इस बार चौथे स्थान पर रही.


बसपा तीसरे नंबर पर
फिरोजाबाद में बीजेपी की कामिनी राठौर 1,01,416 मत पाकर सपा की मशरुर फातिमा (74447) को पराजित करने में सफल रहीं. यहां बसपा तीसरे नंबर पर रही.


आयोग के अनुसार आगरा में महापौर की सीट अनुसूचित जाति (महिला), झांसी में अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित की गई है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सहारनपुर और मेरठ आरिक्षत की गयी हैं. महिलाओं के लिए लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद सीटें आरक्षित हैं. वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की महापौर सीटें अनारक्षित हैं.


नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में चार मई और 11 मई को मतदान हुआ. वर्ष 2017 में नगर निगमों के चुनाव में कुल 16 सीटों में 14 सीटों पर बीजेपी के महापौर निर्वाचित हुए थे जबकि अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी.