UP News: 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा. इस दिन से उत्तर प्रदेश में 5 बड़े बदलाव होंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल बढ़ने से लेकर मनरेगा तक में अहम बदलाव होंगे. इसका असर राज्य भर में पड़ेगा. टोल टैक्स, जीएसटी से लेकर मनरेगा में फेस रीडिंग तक... इन बदलावों से नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश में कारोबार से लेकर आम आदमी की जेब और सरकार की कमाई पर वृहद असर पड़ने के आसार हैं.

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आधी रात से बढ़ जाएगा टोल टैक्स- यूपी में पहले बदलाव के तहत लखनऊ, नवाबगंज, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, रायबरेली के रास्ते जाने वाली गाड़ियों पर टोल टैक्स बढ़ जाएगा. इन रूट्स पर चलने वाली लगभग 10 लाख गाड़ियों पर 5 रुपये से 10 रुपये तक का टोल बढ़ेगा.

हर 6 महीने में दाखिल करना होगा रिटर्न- दूसरे बदलाव के तहत एक अप्रैल से यूपी में उन सभी कंपनियों को हर 6 महीने पर जानकारी देनी होगी जो एमएसएमई से खरीद करते हैं. उन्हें यह बताना होगा कि खरीद के 45 दिन के भीतर कितनी खरीद का पेमेंट कर दिया. इसके अलावा एमएसएमई को भी यह बताना होगा कि कितने माल की खरीद हुई, कितना बकाया है और पेमेंट न होने की क्या वजह रही.

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मनरेगा में फेस रीडिंग- तीसरे बदलाव की बात करें तो यूपी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत और अधिक पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यूपी में अब फेस रीडिंग से अटेंडेंसस लगेगी. यूपी के 491 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था लागू होगी . राज्य के 491 ग्राम पंचायतों में 1.56 लाख मजदूर हैं जो मनरेगा के तहत काम करते हैं. अब एक मोबाइल एप के जरिए उनकी अटेंडेंस लगेगी.

जीएसटी के नियमों में बदलाव- चौथे बदलाव के तहत यूपी में 1 अप्रैल से जीएसटी के नियमों में बदलाव होगा. टैक्स चोरी को रोकने के लिए अब हर साल 10 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले कारोबारियों को इनवाइस जारी होगी. 30 दिन बीतने के बाद इनवाइस जारी नहीं हो पाएगी.

सेवाओं और वस्तुओं पर जीएसटी- पांचवें की बात करें तो यूपी के बड़े होटल्स में अगर आप 7500 रुपये से ज्यादा किराए वाले कमरे में रह रहे हैं तो उसके रेस्तरां में भोजन करने पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. वहीं नॉर्मल इवी पर 12 के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. यह नियम उन कंपनियों पर भी लागू होगा जो सेकेंड हैंड कार बेचते हैं.