Farmer Protest in Shamli: यूपी के शामली के राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के निर्देश पर किसानों की तीन मांगो को लेकर पार्टी कार्यकर्ता ने सदर विधायक प्रसन्न चौधरी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध जताया. उन्होंने गन्ना किसानों का बकाया चुकाने की मांग की और कहा कि शामली शुगर मिल (Sugar Mill) पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों के गन्ने का बकाया है. सरकार किसानों के साथ वादा खिलाफी कर रही है. 



रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर शामली सदर विधायक प्रसन्न चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे. ये लोग रालोद जिंदाबाद और जयंत चौधरी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. वहीं सदर विधायक प्रसन्न चौधरी ने कहा कि किसानों को पिछले साल का करीब सौ करोड़ रुपया शुगर मिल पर बकाया है दो अभी तक नहीं दिया गया है और  ना ही सरकार द्वारा पूरा सत्र जाने को है गन्ने का भाव भी तय नहीं किया गया है. किसानों के साथ सरकार वादाखिलाफी कर रही है.


प्रशासन को दी ये चेतावनी


रालोद विधायक ने कहा कि उन्होंने आज एक दिन का विरोध प्रदर्शन किया है. अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो 27 फरवरी को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह के निर्देश पर कमिश्नरेट का घेराव किया जाएगा. अगर फिर भी हमारी बातें नहीं मानी जाती है तो हम सभी कार्यकर्ता व प्रतिनिधि संसद का घेराव भी करेंगे. यूपी में लगभग 21 शुगर मिले हैं, जिनका अभी तक पिछले सत्र का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. पिछले 2 महीनों से किसान संदेश के अभियान के तहत अपनी पीड़ा पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेज रहे थे. किसान बुरी तरह त्रस्त है. 


प्रसन्न चौधरी ने कहा कि जब किसान 24 घंटे मेहनत कर शुगर मिल को गन्ना देता है तो उसे पता नहीं होती कि उसे इसका पेमेंट कब मिलेगा. किसान पत्र के जरिए अपनी समस्याएं लिख रहा था लेकिन यह गूंगी सरकार नहीं जागी. राष्ट्रीय लोकदल ने यह निर्णय लिया कि 7 फरवरी को सभी मुख्यालयों पर राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ता व प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट प्रांगण में धरना प्रदर्शन करेंगे और डीएम ऑफिस का भी घेराव करेंगे पहले मांग है कि इस सत्र का गन्ने का भाव तय किया जाए और जो पिछले सत्र का गन्ने का बकाया भुगतान है वह जल्द से जल्द दिया जाए किसानों की ट्यूबेल पर मीटर जबरदस्ती लगाए जा रहे हैं जिसमें अब सरकार की नीति किसान को परेशान करना है !