Noida Twin Tower Demolition: नोएडा (Noida) के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक का ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को जमींदोज कर दिया गया है. 13 साल में बनीं इन दो इमारतों को टूटने में महज 12 सेकेंड का समय लगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस समय को 12 सेकेंड तक लाने में 8 महीने का वक्त लगा. ट्विन टावर गिराने वाली कंपनी एडिफिस के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने इस बात की जानकारी दी. 


12 सेकेंड में गिराने के लिए लगा 8 महीने का समय


एबीपी न्यूज से बात करते हुए ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि इतने ऊंचे टॉवरों के महज 12 सेकेंड में गिराने के लिए हमने 8 महीने काम किया, जिसमें 2 महीना डिजाइन में और 6 महीना ऑन साइट तैयारी में लगा. ये काम बिल्कुल आसान नहीं था. ये पूरी तरह एक इंजीनियरिंग की जॉब था. जिस तरह से बिना किसी नुकसान के इन टॉवरों को गिराया गया है ये एक परफेक्ट इंजीनियरिंग की बड़ी सफलता है. पूरी दुनिया में इसका विश्लेषण किया जाएगा. इससे पहले दुनियाभर में 100 मीटर से बड़े जो भी स्ट्रक्चर गिरे हैं वो काफी जगह लेकर गिरे हैं, जबकि अगर इसे देखेंगे तो गैस पाइपलाइन से लेकर कई दिक्कतों के बावजूद ये स्ट्रक्चर अपने पैरामीटर में ही गिरा है.


बिल्डिंग को गिराने से पहले प्रेशर


सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि इन ट्विन टॉवरों के गिरने पर इसने बगल में स्थिक सुपरटेक एमरॉल्ड साइट को छुआ भी नहीं. जो कंटेनर लगा उसपर भी ज्यादा मलबा नहीं गया सिर्फ एटीएस में 8-10 मीटर में एक पोर्शन पर इम्पैक्ट हुआ है. इसके लिए हम लोग खुश हैं. वहीं जब एबीपी ने उनसे सवाल किया कि क्या उन पर भारत की सबसे ऊंची बिल्डिंग को गिराने का प्रेशर था तो उन्होंने जवाब दिया कि टेक्निकल क्वोट करने से पहले जब हमने साइट विजिट किया था, तब इंजीनियरिंग लॉजिक से हम इसे कर सकते हैं. तब से हम उसी पर काम कर रहे थे. इमोशनल साइट से मन में डर रहता है क्योंकि काफी डिमोलिशन गलत हो चुके हैं.  


Twin Towers Demolition: ट्विन टावर जमींदोज होने पर हुआ इतना शोर, 12 सेकंड में ही ताश के पत्तों जैसे बिखरा


ट्विन टॉवर गिराने में मिला पूरा सहयोग


उत्कर्ष मेहता ने बताया कि हमने पहले कोच्चि में काम किया था, उसे देखकर हमें ये काम मिला. आज हम सक्सेफुली बोल सकते हैं कि ये परफेक्ट टाइमली मैनर्ड फॉल और एक परफेक्ट ब्लास्ट था. नोएडा अथॉरिटी के बारे में मेहता ने कहा कि हमें उनसे पूरा सहयोग मिला, जब पुलिस का रोल आया, लॉ एंड ऑर्डर का तो बीते 15 दिन में हमने पुलिस के साथ बहुत कोआर्डिनेशन किया. नोएडा के ज्वाइंट सीपी लव कुमार और कमिश्नर से बहुत सपोर्ट मिला. सीबीआरआई के साथ हमारा पहला अनुभव था. अब हम एक दूसरे को डेटा शेयर करने वाले हैं. फ्यूचर में हम काम करेंगे.


 मेहता ने कहा कि कोच्चि, चेन्नई, नोएडा तीनों जगह डिमोलिशन करने के बाद आज हम ज्यादा खुश है. ऐसे काम बहुत कम मिलते हैं जब 100 मीटर से ज्यादा की बिल्डिंग को तोड़ना हो, लेकिन ये बेस्ट था. 


ये भी पढ़ें- Twin Tower Demolition: ट्विन टावर गिरने के बाद लौटने लगे लोग, किसी के घर के शीशे टूटे तो किसी के घर में धूल ने जमाया डेरा