UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में भोगनीपुर तहसील के मदनपुर गांव में खेतों की जुताई करने वाली महिलाओं ने वर्षा के देवता भगवान इंद्र का आशीर्वाद लेने के लिए पूजा की. महिलाओं ने 'भौरी' की रस्म भी निभाई. जिसमें वे रसोई के विभिन्न उपकरण ले जाती हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करती हैं. एक स्थानीय ज्योतिषी अवनीश दुबे ने कहा, "आधुनिक युग में इस प्रथा को लोग अंधविश्वास कह सकते हैं, लेकिन यहां यह एक लोकप्रिय धारणा है कि यदि महिलाएं खेतों में बैल और हल की जगह लेती हैं, तो वर्षा देवता प्रचुर मात्रा में बारिश करते हैं.'' 

राजा जनक ने की थी पूजाबता दें कि प्राचीन काल में मिथिला विदेह जनक का राज्य था, एक बार राज्य में जब सूखा पड़ा और लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. वे सभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए राजा जनक के पास गए. राजा जनक ने लोगों से वादा किया कि वह सब कुछ करेंगे, जो उन्हें उनकी समस्याओं से मुक्त करने का संभावित साधन है." दुबे ने आगे कहा, "तब राजा ने अपने शाही महल के सभी पुजारियों से कुछ समाधान निकालने के लिए कहा. एक पुजारी ने राजा को सुझाव दिया कि वर्षा देवता इंद्र को प्रसन्न करने के लिए राजा को खुद बंजर भूमि की जुताई करनी चाहिए. राजा जनक तुरंत खेत की जुताई के लिए तैयार हो गए. खेत की जुताई करते समय ही बहुत तेज बारिश होने लगी."

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गोंडा में युवक ने भगवान इंद्र के खिलाफ दर्ज कराई है शिकायतइस मौसम में बारिश नहीं होने से क्षेत्र के निवासी परेशान हैं और इससे धान की बुवाई में देरी हो रही है. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में सुमित कुमार यादव नाम के व्यक्ति ने तहसीलदार के पास 'भगवान इंद्र के खिलाफ शिकायत' दर्ज कराई है और बारिश में देरी के लिए उचित कार्रवाई की मांग की है. तहसीलदार ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत पर 'उचित कार्रवाई' करने के आदेश दिए हैं.

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