Lok Sabha News: केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पढ़ो परदेशी योजना को फिलहाल शुरू करने के मूड में नहीं है. इस आशय की जानकारी केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में दी है. उत्तर प्रदेश स्थित कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के सवाल के जवाब में केंद्र ने यह जवाब दिया.
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को विदेश में अध्ययन के लिए सहायता देने के बारे में इकरा हसन ने पूछा था कि क्या सरकार ‘पढ़ो परदेश’ जैसी योजना को फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है? इस पर केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कि अभी तक, पढ़ो परदेश योजना को फिर से शुरू करने या इसके जैसी कोई नई योजना शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
किरेन ने कहा, एनएमडीएफसी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम, अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को कम ब्याज दरों पर विदेश में शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन देता है. यह भी पाया गया है कि पढ़ो परदेश योजना के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली सब्सिडी पर ब्याज का लाभ सीमित था . केंद्रीय मंत्री के अनुसार यह योजना अन्य मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही एक जैसी योजनाओं का ओवरलैप है.
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क्या थी पढ़ो परदेश योजना?इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित छात्रों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) के तहत अधिसूचित एजुकेशन लोन के लिए एक अवधि के लिए देय ब्याज पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करना था. इसके जरिए अल्पसंख्यक छात्र विदेश में मास्टर्स में पढ़ाई कर सकें और पीएचडी भी सुनिश्चित कर सकें. इस योजना का उद्देश्य विदेश में उच्च शिक्षा के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाना था.