भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने गन्ना किसानों और मजदूरों के गोविंदनगर सुगर मिल वाल्टरगंज पर पिछले दो साले के बकाए के भुगतान के लेकर चीनी मिल के गेट पर किसान पंचायत की. मिल पर किसानों और मजदूरों का करीब 62 करोड़ रुपए बकाया है. यूनियन ने बकाए का भुगतान व्याज सहित करने और अन्य किसान समस्याओं का समाधान कराने की मांग की. 


भारतीय किसान यूनियन की किसान पंचायत में कौन-कौन शामिल हुआ


भाकियू की किसान पंचायत में वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लम्बरदार, राष्ट्रीय सचिव घनश्याम वर्मा, अनिल तालान सहित अनेक प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए. भाकियू की किसान पंचायत होते ही प्रशासन उनके मान-मनौव्वल में जुट गया. लेकिन भाकियू जिद पर अड़ी है कि उनकी मांगों पर लिखित समझौता किया जाए. यूनियन ने कहा है कि यदि लिखित समझौता नहीं होता है तो किसान पंचायत का स्वरूप बदलेगा और आन्दोलन को धार दिया जाएगा. 


जिला प्रशासन ने किसानों और मजदूरों को क्या दिया है आश्वासन


एडीएम अभय कुमार मिश्र, एसडीएम सदर आनन्द श्रीनेत, जिला गन्ना अधिकारी मंजू सिंह और भाकियू पदाधिकारियों के बीच वार्ता हुई. एडीएम ने एक माह में श्रमिकों और 2 माह के भीतर गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान कराने जाने की घोषणा. उन्होंने इसको लेकर किसानों के साथ लिखित समझौता किया. इसके बाद भाकियू की किसान पंचायत स्थगित हुई.


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भाकियू के प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल ने कहा कि गन्ना चीनी मिल पर किसानों, श्रमिकों के करोड़ों के बकाए और अन्य समस्याओं को लेकर चल रही वार्ता का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला तो आन्दोलन को धार दिया जाएगा. किसान पंचायत के मंच से कहा गया कि अधिकारियों से वार्ता चल रही है और यदि सकारात्मक परिणाम न आया तो सभी साथी भगौना और गैस सिलेंडर का इंतजाम रखें, यदि हल नहीं निकला तो इसका खमियाजा जिला प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.


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