Darul Uloom Deoband: देश के सबसे बड़े और मशहूर इस्लामिक शिक्षण संस्थानों में शुमार दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) ने एक बार फिर अपने पुराने नियम को दोहराते हुए छात्रों के लिए एंड्रॉयड मोबाइल फोन और मल्टीमीडिया डिवाइस के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी लगा दी है. यह फैसला संस्थान में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले लिया गया है और दाखिले के बाद इसे सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया. दारुल उलूम का मानना है कि मोबाइल फोन खासतौर पर स्मार्टफोन, छात्रों की पढ़ाई में सबसे बड़ी रुकावट बनते जा रहे हैं.
संस्थान का कहना है कि वह हमेशा से चाहता है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे अपनी पूरी तवज्जो दीनी तालीम और किताबों की पढ़ाई पर लगाएं. संस्थान की इस नीति को समर्थन देते हुए देवबंदी विचारधारा के प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि दारुल उलूम का यह कदम बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि आज के समय में मोबाइल का इस्तेमाल कई बार छात्रों को ग़लत रास्ते पर ले जाता है. इसलिए यह जरूरी है कि बच्चे तालीम के दौरान फालतू चीज़ों से दूर रहें.
मौलाना गोरा ने अभिभावकों से की अपीलमौलाना गोरा ने छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों से भी अपील की है कि वे संस्थान के इस फैसले को गंभीरता से लें और इसका पूरी तरह पालन करें. उनका कहना है कि इसका मकसद यह है कि दारुल उलूम का वह माहौल बना रहे जहां सिर्फ इल्म, अदब और तालीम की रौशनी फैले.
दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में हुई थी और यह भारत ही नहीं, दुनिया भर में इस्लामी शिक्षा का एक बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां हर साल देश-विदेश से हजारों छात्र दाखिला लेते हैं. यह संस्थान हनफ़ी विचारधारा को मानने वाले देवबंदी आंदोलन का प्रमुख केंद्र है और मुस्लिम समाज में इसकी बात को काफी अहमियत दी जाती है.
दारुल उलूम पहले भी दे चुका है कड़े निर्देशगौरतलब है कि इससे पहले भी दारुल उलूम कई बार मोबाइल फोन को लेकर कड़े निर्देश जारी कर चुका है. कुछ साल पहले संस्थान ने यह भी साफ किया था कि यदि कोई छात्र मोबाइल फोन या अन्य प्रतिबंधित डिवाइस का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
संस्थान का कहना है कि आजकल के दौर में सोशल मीडिया, वीडियो गेम्स और इंटरनेट जैसे साधन छात्रों को पढ़ाई से भटका रहे हैं. ऐसे में इनसे बचाव करना ही बेहतर रास्ता है. दारुल उलूम का यह कदम एक बार फिर यह दिखाता है कि वह अपने उसूलों पर कायम रहकर तालीम को ही सबसे बड़ा मकसद मानता है.
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