UP News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. वर्ष 1999 में महाराष्ट्र के थाणे जिले में हुई हत्या की एक सनसनीखेज वारदात में पिछले 26 वर्षों से फरार चल रहा आरोपी विनोद कुमार को सिद्धार्थनगर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है.

गिरफ्तारी की यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 3:10 बजे की गई. आरोपी विनोद कुमार पुत्र श्यामलाल गुप्ता, जो कि सिद्धार्थनगर के भवानीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम परसाहेतिम का रहने वाला है, को उसी के गांव से पकड़ा गया. 1999 में थाणे में कारोबारी की बेरहमी से हत्या कर फरार हुआ था आरोपी विनोद कुमार, मेडिकल स्टोर चला रहा था गांव में बताया जा रहा है कि यह मामला थाणे (महाराष्ट्र) के भिवानी सिटी थाना में 28 मई 1999 को दर्ज हुआ था.

इन धाराओं में मामला दर्जइस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 363 (अपहरण), 387 (धमकी देकर वसूली), 397 (डकैती), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (साझा अपराध) के तहत केस दर्ज हुआ था. एसटीएफ गोरखपुर यूनिट की टीम को महाराष्ट्र पुलिस की मदद से यह कामयाबी मिली. जानकारी के मुताबिक, आरोपी विनोद कुमार और उसके साथियों ने कपड़े के कारोबारी जिगर महेंद्र मेहता को उनके कारखाने में लाइट खराब होने के बहाने बुलाया था. 

वहां पहले तो उनसे मारपीट की गई, फिर उनके घर फोन कर 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई. जब पैसा नहीं मिला तो विनोद ने मृतक को बेहोशी का इंजेक्शन देकर उनकी गला रेतकर हत्या कर दी और उनके कीमती सामान लूट लिए. हत्या के बाद शव को स्कूटर से ले जाकर पाइपलाइन में फेंक दिया गया था. 

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महाराष्ट्र पुलिस को सौंपापुलिस पूछताछ में विनोद कुमार ने खुलासा किया है कि हत्या के बाद वह पहले मुंबई से दिल्ली भाग गया था और फिर रिश्तेदारों के यहां छुपता रहा. कुछ समय पहले उसे लगा कि अब उसकी तलाश नहीं हो रही, तो वह अपने गांव लौट आया और वहां एक मेडिकल स्टोर चलाने लगा.

एसटीएफ की ओर से मिली सूचना पर महाराष्ट्र पुलिस की टीम पीएसआई दीपक पाटिल, पीएन दिनकर सावंत और पीसी मयूर शिरसाट, एसटीएफ गोरखपुर के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह और कांस्टेबल अखिलेश कुमार, नसीरुद्दीन, शिवानंद उपाध्याय और गौरव प्रताप सिंह ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उसे दबोच लिया.

गिरफ्तार आरोपी को सिद्धार्थनगर पुलिस ने अपनी कस्टडी में लिया है और उसे ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र पुलिस को सौंपा जाएगा. वहां आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि एसटीएफ उत्तर प्रदेश लंबे समय से राज्य और देशभर में फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रही है और इस तरह की संयुक्त कार्रवाई उसकी कार्यकुशलता का प्रमाण है.