UP News: एक ओर सरकार चांद पर चंद्रयान-3 भेज रही है, चारों ओर विकास के नित नए दावे ठोके जा रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के बंडा क्षेत्र को जोड़ने वाली पुलिया को ना तो पीडबल्यूडी बनवा पा रहा है और ना ही जिला प्रशासन का ही ध्यान इस ओर गया. ग्रामीणों की फरियाद जब पूरी नहीं हुई तो उन्होंने 10 लाख का चंदा जमा करके, कार सेवा के जरिए खुद ही इस 35 फीट लंबी पुलिया को बनाना शुरू कर दिया. जिससे होकर हजारों लोग प्रतिदिन पीलीभीत से शाहजहांपुर की सीमा में प्रवेश करते हैं. ग्रामीणों ने कार सेवा के जरिए बनाई जा रही यह पुलिया सरकार के दावों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है.


उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में बंडा क्षेत्र आता है, इस बंडा क्षेत्र को मिनी पंजाब के रूप में जाना जाता है. यहां सरदारों ने गेहूं, गन्ने और धान की लहलहाती फसलों से क्षेत्र के विकास को दस गुना कर दिया है. बंडा से सेहरामऊ उत्तरी तक जाने के लिए और अंडबोझी क्षेत्र के गड़वाखेड़ा गांव से होकर गुजरना होता है. इस क्षेत्र में एक पुलिया पड़ती है जो कि 25 साल पहले बनी थी और अब टूट गई है.


ग्रामीणों ने इक्ट्ठा किया 10 लाख का चंदा


इस पुलिया के टूटे होने के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ती है. आसपास के सैकड़ों गांव के लोग इसी पुलिया की वजह से कम से कम 30 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय कर बंडा या पूरनपुर पहुंचते हैं. क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार इस पुलिया को बनवाने के लिए पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन जब उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने जन समस्या को देखते हुए 10 लाख का चंदा इक्टठा करके, कार सेवा से इस पुलिया को बनवाना शुरू कर दिया है. 35 फीट लंबी इस पुलिया को बनवाने के लिए लगभग 10 लाख  रुपए का खर्च आएगा. आसपास के क्षेत्र के सरदार कार सेवा के जरिए इस पुलिया को बनवा रहे हैं.


प्रशासन को दिखाया आइना


क्षेत्र के ग्रामीण और सरदारों का दावा है कि वह जल्द ही पुलिया का निर्माण कर देंगे और उस व्यवस्था को आइना दिखाने का प्रयास करेंगे जिसने विकास के दावे तो किए हैं लेकिन 10 लाख की लागत से इस पुलिया को नहीं बनवा पाया. फिलहाल इस संबंध में पीलीभीत के मुख्य विकास अधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि क्षेत्र के ग्रामीणों ने उन्हें या जिला प्रशासन को किसी भी तरह से इस समस्या के बारे में सूचित नहीं किया था. अगर उन्हें ग्रामीणों ने जानकारी दी होती तो किसी न किसी मद में इस पुलिया का निर्माण करा दिया गया होता.


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