उत्तर प्रदेश स्थित आगरा के सदर क्षेत्र की दो बहनों के जबरन धर्मांतरण के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस मामले के अब्दुल रहमान को दिल्ली के ओल्ड मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया है. इसी प्रकरण में गिरफ्तार गोवा की आयशा ने पूछताछ में अब्दुल रहमान का नाम लिया था. बताया गया कि रहमान ही आयशा को धर्मांतरण के लिए पैसे देता था. इसके बाद पुलिस ने रहमान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और उसे पकड़ने के लिए दिल्ली में छापा मारा.

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आपको बता दें कि अब्दुल रहमान का असली नाम महेंद्र पाल जादौन है. वह फिरोजाबाद जिले के रामगढ़ गांव का रहने वाला है. पहले उसने ईसाई धर्म अपनाया और फिर साल 1990 में मुस्लिम धर्म अपना लिया था. वह मजदूरी के लिए दिल्ली गया था, जहां उसकी मुलाकात मौलाना कलीम सिद्दीकी से हुई. इसके बाद वह उसके गिरोह में शामिल होकर धर्मांतरण कराने का काम करने लगा. कलीम सिद्दीकी इस समय सामूहिक धर्मांतरण के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. उसी का नेटवर्क अब अब्दुल रहमान चला रहा था.

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आतंकी फंडिंग तो नहीं मिल रही?पुलिस को छापेमारी उसके घर से हरियाणा की एक लापता युवती भी मिली है. पुलिस को शक है कि उसे भी जबरन धर्म बदलवाने के लिए लाया गया था. रहमान के घर से मुस्लिम धार्मिक किताबें और धर्म परिवर्तन से जुड़ा साहित्य भी मिला है. वह मुस्तफाबाद इलाके में बाकायदा एक दफ्तर चला रहा था, जहां से यह सब काम होता था.

पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि अब्दुल रहमान का भतीजा लंदन में रहता है, जो विदेश से धर्मांतरण के लिए पैसे भेजता था. अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह को कहीं से आतंकी फंडिंग तो नहीं मिल रही थी.

इस मामले में पुलिस ने शनिवार को गिरोह के 10 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था. सभी को 10 दिन की रिमांड पर लिया गया है. अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है.