लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) ने हजरतगंज के लेवाना सुइट्स होटल (Levana Suites Hotel)में लगी आग का स्वतः संज्ञान लिया है.अदालत ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है.अदालत ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) से शहर की उन इमारतों का ब्योरा मांगा है, जिनके पास दमकल विभाग का परमिट नहीं है. लखनऊ के इस होटल में पांच सितंबर को लगी आग में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे. 


अदालत ने क्या आदेश दिया है


अदालत ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने इसके साथ ही एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष से शहर की उन सभी इमारतों का ब्योरा तलब किया है,जिनके पास दमकल विभाग का परमिट नहीं है.अदालत ने मुख्य अगिनशमन अधिकारी से भी उन सभी इमारतों का ब्योरा तलब किया है जिनमें आग लगने की स्थिति में बाहर निकलने के रास्ते व आवश्यक उपकरण नहीं लगे हैं.


कोचिंग सेंटर में लगी आग का भी जिक्र


यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने ‘लेवाना सुइट्स होटल में आग लगने की घटना’पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए उक्त आदेश पारित किया है. अदालत ने अपने आदेश में छह सितंबर को हजरतगंज में ही ग्रेविटी क्लासेज नाम के कोचिंग संस्थान के भवन में आग लगने की घटना का भी जिक्र किया है.


एलडीएन ने की है यह कार्रवाई


लेवाना होटल में लगी आग के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने मामले की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. इसमें मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह और मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल शामिल थे. कमेटी ने दो जुलाई 2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों की बिल्डर के साथ मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्रवाई न करने का जिम्मेदार पाया था.


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