UP News: ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी ड्रामे का आज अंत हो गया. सपा (SP) ने एक पत्र जारी कर सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर और शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) को बाहर का रास्ता दिखा दिया. सपा की ओर से जारी पत्र में दोनों नेताओं को को साफ शब्दों में कह दिया गया है कि वे जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया भी सामने आई. एबीपी गंगा से बात करते हुए राजभर ने कहा कि उन्हें भी ये 'तलाक' मंजूर है. 


किस पार्टी के साथ जा सकते हैं राजभर


सपा से गठबंधन टूटने के बाद सवाल उठता है कि ओम प्रकाश राजभर का आगे का कदम क्या होगा. ओम प्रकाश राजभर काफी सुलझे हुए नेता माने जाते हैं. वो अपना हर कदम बहुत सोच समझकर उठाते हैं. सपा के खटपट के बीच उन्होंने कई बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मायावती की तारीफ कर चुके हैं. यही नहीं बीच में तो इस तरह से कयास भी सामने आए कि वो बीजेपी में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन राजभर के दिमाग में क्या चल रहा है इसे लेकर एबीपी गंगा की टीम ने उनसे बात की. 


एबीपी गंगा को दिया जवाब


एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि सपा से तलाक के बाद अब वो क्या करेंगे तो उन्होंने कहा कि हमें ये तलाक कबूल हैं. इसके साथ ही उन्होंने बसपा में जाने के संकेत दिए और कहा कि बहुजन समाज पार्टी जिंदाबाद. अब हम बसपा सुप्रीमो मायावती का दरवाजा खटखाटएंगे. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पूर्वांचल में उनकी पार्टी का मजबूत संगठन हैं. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर बसपा के साथ उनके समाज का वोटर जुड़ जाएगा तो बसपा और मजबूत होकर उभरेगी.


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सपा ने सुभासपा से गठबंधन तोड़ा


आपको बता दें कि शनिवार को सपा कार्यालय से जारी चिट्ठी में राजभर पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया. चिट्ठी में लिखा गया है, 'ओमप्रकाश राजभर जी, समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है. आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कररहे हैं. अगर आपको लगता है कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.' 


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