Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार रोकथाम की लाख कोशिशों के बावजूद भी सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज विकास खण्ड में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. भ्रष्टाचार की शिकायत तो ग्रामीण करते हैं लेकिन विकास खण्ड डुमरियागंज के जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज ब्लॉक के अरनी में मनरेगा कार्य में एक बड़ा घोटाला सामने आया है जहां मास्टर रोल में 40 मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन मौके पर ट्रैक्टर और जेसीबी से काम कराया जा रहा है. इस तरह से तालाब का सुंदरीकरण ,नाला सफाई ,चकरोड के काम व बांध की मरम्मत में मास्टर रोल में 40 मजदूरों को दिखाया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जिम्मेदारों से शिकायत भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ और ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां सिर्फ कागजों में काम हो रहा है, ट्रैक्टर से जोताई कर उसको बराबर किया जा रहा है.
ग्रामीण का यह भी कहना है कि कागजों में तो 40 मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन मौके पर 4 मजदूर ही मिलते हैं. काम खत्म होने से पहले वहां लोगों को खड़ा करके केवल फ़ोटो खिंचवाने का काम किया जाता है. कुछ जगह ऐसी भी है जहां पर कुछ भी काम नहीं हुआ है नाला सफाई के नाम पर कुछ दूर सफाई करके छोड़ दिया गया है. मजदूरों के नाम से पैसे लिए जा रहे हैं लेकिन काम मनरेगा से दिखा कर ठेके से कराया जा रहा है. मैं जिम्मेदार अधिकारियों से मांग करता हूँ कि ऐसे लोगों पर सख्त करवाई होगी.
ग्रामीणों ने सुनाई सारी आपबीती
वहीं दूसरी तरफ ग्रामसभा बसडीला मोदी नानकार में भ्रष्टाचार की दूसरी तस्वीर सामने आ रही है जिसको लेकर ग्रामीणों ने आला अधिकारियों से शिकायत की है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है ग्रामीणों का कहना है कि जिनके जिम्मे भ्रष्टाचार रोकना है वे प्रधान के साथ मिलकर पंचायत भवन निर्माण कार्य करा रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां जो पंचायत भवन का निर्माण कार्य चल रहा है वह पिछले 2 सालों से चल रहा है और यह जो काम हो रहा है वह पूरी तरीके से मानक के विपरीत हो रहा है. इसमें थर्ड क्लास मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है वही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मुझे स्थानीय ब्लॉक के कर्मचारियों पर भरोसा नहीं है इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए.
एरक अलग मामला डुमरियागंज विकासखंड के केवटली नानकार का है जहां पर पंचायत भवन निर्माण के नाम पर जिम्मेदारों की मिलीभगत से मानक की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं ग्रामीणों का कहना है कि इसको लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन जिम्मेदार हैं कि ध्यान ही नहीं दे रहे .वहीं इसको लेकर ग्रामीणों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे गांव में पहले से ही पंचायत भवन बना है लेकिन ग्राम प्रधान और जिम्मेदार अधिकारी द्वारा सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है. कागजों में तो काम मनरेगा से हो रहा है लेकिन काम ठेके पर करवाया जा रहा है मैं मनरेगा में मजदूर हूं, जोड़ाई भी कर लेता हूं लेकिन हमारी नहीं सुनी जा रही है.