उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर ने पश्चिम बंगाल में जारी उथल-पुथल पर बयान देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "ममता बनर्जी डरी हुई हैं क्योंकि अब सभी घुसपैठिए सामने आ रहे हैं और उन्हें अपने कार्यों के परिणामों का पता है. वहां का जो माहौल बनाया जा रहा है, वह खुद इस बात का प्रमाण है.
वहीं उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उनका राजनैतिक सफर काफी लंबा रहा है तो उन्होंने कुछ सोच समझ कर ही कहा होगा.
ममता बनर्जी पर सियासी निशाना
अनिल राजभर के मुताबिक, बंगाल CM ममता बनर्जी के भीतर का डर और घबराहट साफ नजर आ रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि चुनावी परिणाम क्या होगा. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव कैसे होंगे, यह तय करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. हमें स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से चुनाव कराने होंगे और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बल भी तैनात किए जा सकते हैं. चुनाव आयोग को यह तय करना है और हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए." मंत्री ने कहा कि चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करना सभी का कर्तव्य है और इसमें कोई भी पार्टी दखल नहीं दे सकती.
हिमंत बिस्वा सरमा को दिया समर्थन
हिमंता बिस्वा सरमा पर कहा, "दिल्ली में हाल ही में जिस प्रकार की नफरत और साजिश देखी गई, जहां पढ़े-लिखे डॉक्टर और इंजीनियर भारत के खिलाफ षड़यंत्र में शामिल थे, उस मानसिकता का इलाज क्या है? अगर असम के मुख्यमंत्री ने कुछ कहा है, तो वह लंबे राजनीतिक अनुभव और सरकार चलाने के सालों के अनुभव पर आधारित है."
अनिल राजभर ने स्पष्ट किया कि नेताओं के बयान और अनुभव चुनावी रणनीतियों और सुरक्षा मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आईएएनएस के अनुसार, उन्होंने कहा कि नफरत और षड़यंत्र की मानसिकता को समझना और समय रहते रोकना जरूरी है. उनका यह बयान राजनीतिक संदर्भ और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक सशक्त संकेत है.