गाजीपुर में मंगलवार को अचानक से सड़क मार्ग से जाते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा कुछ देर के लिए गाजीपुर में रुके. इस दौरान उन्होंने चल रहे एक मुश्त समाधान योजना का निरीक्षण किया. इस दौरान योगी के मंत्री ने विपक्ष के बिजली को फ्री करने के बयान का जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार में लाखों का बिल आता था लेकिन बिजली नहीं आती थी. इसके अलावा मंत्री ने एसआईआर को संप्रभुता और कानून को मजबूत करने वाला बताया है.
उत्तर प्रदेश में मुफ्त बिजली के विपक्ष के सवालों पर मंत्री ने कहा कि विपक्ष जब उत्तर प्रदेश की सत्ता में में शासन में था, तब बिल आता थी लेकिन बिजली नहीं. मंत्री ने कहा कि हम लोग भी अपने गांव में शाम को चारपाई निकाल कर घर के बाहर सोते थे, लेकिन बिल लाखों का आता था, इसलिए उन लोगों को इस मामले पर कहने का कोई अधिकार नहीं है.
SIR के लिए चुनाव आयोग का जताया आभार
वहीं मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर मंत्री ने कहा, "एसआईआर हमारे देश की सार्वभौमिकता और अखंडता और देश का जो कानून है उसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए जो व्यवस्था चुनाव आयोग ने दिया है, हम उसका स्वागत भी करते हैं और चुनाव आयोग का धन्यवाद भी करते हैं." वहीं बांग्लादेशी और रोहिंग्या पर मंत्री ने कहा, जो लोग बाहर से आए और जिनका देश में रहने का कोई दर्जा प्राप्त नहीं है उन सभी लोगों को देश से बाहर भेजा जाना चाहिए.
एकमुश्त योजना का किया निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने गाजीपुर में एकमुश्त समाधान योजना (OTS) के तहत स्थापित केंद्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि इस योजना से बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा पहुंचा है. मंत्री शर्मा ने जानकारी दी कि बिजली विभाग जगह-जगह कैंप लगाकर उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ दे रहा है.
उन्होंने बताया कि अब तक 3 लाख से अधिक उपभोक्ता इस योजना का फायदा उठा चुके हैं, जिससे विभाग को 200 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ये बकाया बिजली बिल वर्तमान योगी-मोदी सरकार के कार्यकाल के नहीं हैं. उनके अनुसार, ये बिल वर्षों पुराने हैं, जब बिजली की आपूर्ति अनियमित थी और हफ्ते में कुछ ही दिन आती थी.
ए.के. शर्मा ने कहा कि सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं के सिर पर पड़े इस पुराने बोझ को कम करना है. उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में बिजली नहीं आती थी, लेकिन लाखों के बिल आते थे.
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