महोबा जनपद के जैतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही ने एक युवक की जान ले ली. बेलासागर तालाब में डूबे 25 वर्षीय युवक राहुल को परिजन गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां न डॉक्टर मौजूद थे, न स्वास्थ्यकर्मी. 

मौत से जूझते युवक को बचाने के लिए परिजन खुद उसकी पीठ दबाकर पेट से पानी निकालने का प्रयास करते रहे, जबकि सीएचसी अधीक्षक डॉ. पवन की कुर्सी सुबह 10 बजे तक खाली पड़ी रही. इस दौरान परिजनों की जद्दोजहद और डॉक्टर की गैरमौजूदगी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

तालाब में नहाने गया था युवक

सोमवार को जमीदारी मुहाल निवासी राहुल अपने मित्र वीरू के साथ बेलासागर तालाब के ओवरफ्लो पॉइंट पर गया था. नहाते समय वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा. वीरू ने मदद के लिए चीख-पुकार मचाई, लेकिन आसपास कोई नहीं था. सूचना पर पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से राहुल को बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल भेजा. 

अस्पताल पहुंचने पर नजारा चौंकाने वाला था. न तो कोई चिकित्सक मौजूद था और न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी. परिजनों ने बिना किसी मेडिकल सहायता के खुद ही उसकी जान बचाने की कोशिश की. इसी बीच अधीक्षक डॉक्टर पवन की कुर्सी खाली होने का वीडियो भी वायरल हो गया. 

जब तक पहुंचे डॉक्टर युवक की हो गई मौत

करीब 15 मिनट बाद पहुंचे डॉक्टर आशीष ने राहुल को देखते ही मृत घोषित कर दिया. मृतक राहुल अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. उसकी पत्नी राधा और दो छोटे बच्चों सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

.ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल का समय सुबह 8 बजे से है, लेकिन डॉक्टर अक्सर 10 बजे के बाद ही पहुंचते हैं. बताया जाता है कि अधीक्षक डॉ. पवन मध्य प्रदेश के नौगांव में रहते हैं और रोजाना देरी से आते हैं, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता. स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है और उन्होंने दोषी डॉक्टरों व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

बहराहल, इस मामले को लेकर जब हमने सीएमओ डॉक्टर आसाराम से बात करने की कोशिश कि तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा उक्त मामला उनके संज्ञान में नहीं है जानकारी कर रहे है.