उत्तर प्रदेश के महोबा में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके बाद इन पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही हैं. नगर पालिका ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर बनाएगा जहां कुत्तों को आजीवन के लिए बंद करने किया जाएगा.
जिला अस्पताल के मॉडल एंटी रैबीज क्लिनिक के आंकड़े बताते हैं कि रोजाना औसतन 13 लोग कुत्तों के काटने से घायल होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. पिछले एक माह में 394 लोगों को कुत्तों ने काटा और उन्हें कुल 1175 डोज लगाई गईं.
इन इलाकों में आवारा कुत्तों का कहर
आलमपुरा, हवेली दरवाजा, भटीपुरा, समदनगर, कसौरा, मिल्कीपुरा, काजीपुरा, सुभाष चौक और गांधीनगर जैसे मोहल्लों में हालात और गंभीर हैं. आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज नामक जानलेवा बीमारी का खतरा भी लोगों को सताता है. शहर के बजार या मोहल्लों का आलम यह है कि माता पिता अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने में डरने लगे है.
बीते दिनों रामबाबू अहिरवार के 6 वर्षीय पुत्र प्रिंस पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया. जिसकी वजह से उसके चेहरे और शरीर पर कई जख्म हो गए. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि कुत्तों की वजह से यहां बच्चों के खेलना तक मुश्किल हो गया है.
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया है. ताकि कुत्तों की समस्या से निबटा जा सके. आदेश के तहत दो बार काटने करने वाले कुत्तों को आजीवन कैद में रखा जाएगा.
कुत्तों को मिलेगी आजीवन कैद की सजा
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी सेंटर) में आवारा कुत्तों को 10 दिन तक कैद कर उनका टीकाकरण और नसबंदी की जाएगी. यदि इसके बाद कोई ऐसे कुत्तों को पालने के लिए लेना चाहता है तो उसे एफिडेविट देना होगा.
ऐसे कुत्तों में एक विशेष चिप उन्हें ट्रैक करने के लिए लगाई जाएगी. यदि वही कुत्ता दोबारा किसी को काटता है तो उसकी पहचान कर उसे आजीवन कैद कर दिया जाएगा. नगर पालिका की इस पहल से नागरिकों को उम्मीद है कि आवारा कुत्तों का आतंक जल्द ही खत्म होगा और बच्चे सुरक्षित माहौल में खेल सकेंगे.
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