UP Lok Sabha Elections 2024: फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर इस समय जातीय समीकरण असर काफी दिख रहा है. अगर बात यादव और जाटव समाज के मतदाताओं की करें तो इस पर बीजेपी अपनी नजर बनाकर रखी हुई है. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी चौधरी बशीर की इस चुनाव में कोई खास मजबूत पकड़ जाटव और अन्य दलित मतदाताओं पर नहीं दिख रही है.


ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं कि 2 दिन पहले बीजेपी के एक जनसभा में काफी संख्या में जाटव समाज के लोग बीजेपी में शामिल हुए. अहम बात यह भी देखने को मिली कि टूंडला विधानसभा से बसपा से दो बार के विधायक रहे राकेश बाबू भी अब बीजेपी में इस चुनाव में शामिल हुए हैं. तो कहीं ना कहीं बीजेपी में बहुजन समाज पार्टी का वोट कन्वर्ट होना वजह दिख रहा है.


फिरोजाबाद सीट पर यादव वोटर्स करेंगे बीजेपी को सपोर्ट?


यादव मतदाताओं की बात करें तो इस बार बीजेपी उसमें भी सेंध लगाने में पीछे नहीं हट रही है, क्योंकि समाजवादी पार्टी में रहे पूर्व  विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव जो अब बीजेपी में हैं वह भी इस बार फिर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अक्षय यादव को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं. वह कहीं ना कहीं इस बार भी यादव मतदाता का एक धड़ा बीजेपी को वोट कराने की पूरी कोशिश करेंगे. यह तय भी है कि हरिओम यादव की यादव मतदाताओं में अच्छी खासी पकड़ है. इस तरह से यह माना जा रहा है कि जातिगत आंकड़ों की चलते बीजेपी भी अब चुनाव के आखिरी वक्त काफी मजबूत हो चुकी है.


सात मई को होगा मतदान 


फिरोजाबाद सीट से बीजेपी ने ठाकुर विश्वदीप सिंह पर दांव लगाया है तो सपा ने इस सीट पर अक्षय यादव को टिकट दिया है. तो वहीं बसपा ने चौधरी बशीर प्रत्याशी बनाया है. फिरोजाबाद सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है


किसके कितने वोट?


जातिगत समीकरण में शासकीय आंकड़ा तो नहीं है . सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पक्ष में अपने समाज के मतदाताओं की संख्या बताते रहते हैं. एक अनुमान के तौर पर कुल मतदाता कुछ इस प्रकार हैं.



  • 4 लाख यादव वोटर (पिछड़ी जाति)

  • 2 लाख 30 हजार दलित समाज (जाटव व अन्य दलित) 

  • 1 लाख 70 हजार ठाकुर

  • 1 लाख 75 हजार ब्राह्मण

  • 2 लाख 30 हजार मुस्लिम

  • 3 लाख 20 हजार लोधे/निषाद/कश्यप, (पिछड़ा)

  • 1 लाख 70 हजार वैश्य समाज मतदाता 

  • 75 हजार बघेल समाज (पिछड़ा)

  • 75 हजार राठौर समाज (पिछड़ा)


जिले में 10,10,075 पुरुष मतदाता हैं, 8,77,624 महिला मतदाता हैं और 93 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. जिले में कुल मतदाता 18,87,792 हैं.


जिस तरह यह जातिगत आंकड़ा है, उससे यह लग रहा है कि खाली मुस्लिम और यादव मतदाताओं से ही समाजवादी पार्टी चुनाव नहीं जीत पाएगी. इसलिए यह चुनाव बीजेपी के पक्ष में भी हो सकता है. इसलिए समाजवादी पार्टी अपनी जीत को आसान न समझे.


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