UP Lok Sabha Elections 2024: हाथरस लोकसभा से समाजवादी पार्टी हाईकमान की तरफ से एक ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है, जो हाथरस से करीब 300 किलोमीटर दूर के मूल निवासी बताये जाते हैं. समाजवादी पार्टी की तरफ से हाथरस लोकसभा के पार्टी कार्यकर्ताओं को भी चौंकाया है और वो जसवीर वाल्मीकि के बारे में बहुत कुछ जानकारी चाहते हैं. जसवीर वाल्मीकि के बारे में बताया जाता है कि हाथरस लोकसभा से वह पद विहीन रहे हैं, यही कारण है कि लोग उनको लेकर असमंजस में नजर आ रहे हैं.


हाथरस लोकसभा लंबे समय से बीजेपी का किला रहा है. समाजवादी पार्टी की तरफ से उतारे गए प्रत्याशी को लेकर अटकलें तेज हो गई है. सपा प्रत्याशी जसवीर वाल्मीकि के पक्ष में हाईकमान के पदाधिकारी को छोड़कर जिलास्तर के पदाधिकारियों का साथ उनक कम मिलता नजर आ रहा है. लोकसभा हाथरस के प्रत्याशी जसवीर वाल्मीकि सहारनपुर के देवबंद के रहने वाले हैं.


हाथरस से सपा ने इन्हें दिया टिकट तो पार्टी में हलचल तेज


जसवीर वाल्मीकि सहारनपुर के देवबंद से कई बार स्थानीय दावेदारी में सक्रिय बताये गये हैं. वहीं हाथरस लोकसभा से 2014 और 2019 में  सपा के वरिष्ठ नेता रामजीलाल सुमन प्रत्याशी थे. दोनों बार बीजेपी ने यह सीट जीत ली थी. हाल ही में हुआ राज्यसभा सदस्य के चुनाव में सपा ने रामजीलाल सुमन को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित किया था. सपा के इस चुनाव में जो दो प्रत्याशी चुनाव जीते.


उनमें रामजीलाल सुमन भी हैं. उनके राज्यसभा में जाने के साथ ही यह साफ हो गया था कि लोकसभा हाथरस से पार्टी इस बार उन्हें प्रत्याशी नहीं बना रही है. ऐसे में तमाम दावेदार सक्रिय थे, लेकिन उन्हें दरकिनार कर सपा ने सहारनपुर से जसवीर वाल्मीकि को प्रत्याशी घोषित किया है. सपा की घोषणा के बाद अन्य पार्टियों में हलचल शुरू हो गई है. स्थानीय दावेदारों की जगह 300 किलोमीटर दूर के निवासी को प्रत्याशी बनाए जाने पर सपा के साथ ही अन्य पार्टियों के पदाधिकारी भी गणित लगाने में जुट गए हैं.


टिकट मांगने पर नहीं मिला था टिकट


हाथरस के लोकसभा प्रत्याशी की तरफ से विधानसभा चुनाव के दौरान विधायकी का टिकट मांगा गया, लेकिन हाईकमान का सीटों पर गठबंधन होने से जसवीर वाल्मीकि की तरफ से मांगी गई टिकट दूसरी पार्टी के पाले में चली गई. 2017 के विधानसभा चुनाव में सहारनपुर की सुरक्षित सीट रामपुर मनिहारान से प्रत्याशी बनाया था. बाद में गठबंधन में यह सीट चली गई थी और वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे. जसवीर वाल्मीकि मूल रूप से जनपद मुजफ्फरनगर के कस्बा पुरकाजी के रहने वाले हैं और वर्तमान में परिवार के साथ देवबंद में रह रहे हैं. वह काफी समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं.


जयवीर को सपा ने फिलहाल उन्हें रामपुर मनिहारान विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया हुआ है. वह सपा के प्रदेश सचिव भी हैं. 2010 से 2014 तक पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे हैं. मुजफ्फरनगर के रोहाना में उनका कपड़े का शोरूम है. वह व्यापार इसी जगह पर करते है. सपा से लंबे समय से जुड़े होने के चलते उनको हाथरस लोकसभा का रास्ता दिया गया है.


प्रदेश सचिव राम कुमार नागर क्या बोले? 


हाथरस लोकसभा के विधानसभा के इगलास के रहने वाले समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रामकुमार नगर का कहना है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से जो प्रत्याशी लोकसभा हाथरस पर उतारा गया है वह हाथरस के मूल निवासी हैं, उनका व्यापार बाहर होने के चलते वह व्यापार के लिए बाहर चले गए थे, लेकिन हाथरस से उनका पुराना नाता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से लिया गया फैसला जनता हित में है साथ ही पुराने नेता होने के चलते जसवीर को प्रत्याशी बनाया गया है. जसवीर के पिता भी हाथरस के ही मूल निवासी हैं.


सपा की टक्कर पर बीजेपी ने भी उतारा वाल्मीकि प्रत्याशी


समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने हाथरस लोकसभा पर जसवीर वाल्मीकि को प्रत्यासी बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने मौजूदा सांसद राजवीर दिलेर का टिकट काटकर अलीगढ़ की खैर विधानसभा से बीजेपी विधायक और राजस्व मंत्री अनूप बाल्मीकि को हाथरस से प्रत्याशी बनाया है. इस तरह पार्टी ने टिकट देकर बीजेपी की जीत बरकरार रखने का भरोसा जताया है.


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