लखनऊ:  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के लेवाना सुइट्स होटल (Levana Suites Hotel)में लगी आग के बाद शासन सख्त हो गया है. सरकार इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए सक्रिय है. इस अग्निकांड के बाद लखनऊ विकास प्राधिकारण ने 22 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन से की थी.ये सभी इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी और कर्मचारी थे. एलडीए की इस सिफारिश पर शासन ने सवाल उठा दिए हैं.शासन ने एलडीए से पूछा है कि केवल इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति क्यों की गई? यह भी पूछा गया है कि क्या इस होटल के निर्माण और संचालन के मामले में अन्य अधिकारी और कर्मचारी दोषी नहीं हैं?


शासन ने एलडीए उपाध्यक्ष से क्या जबाव मांगा है


उत्तर प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के संयुक्त सचिव लाल धीरेंद्र राव ने एलडीए के उपाध्यक्ष को एक चिट्ठी लिखी हैं. इसमें उन्होंने एलडीए के उपाध्यक्ष से अन्य दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने एलडीए के वीसी से पूछा है किइस मामले में केवल इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति क्यों की गई?


आग लगने की घटना के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस मामले की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में गठित की कमेटी की थी. इसमें मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह और मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल शामिल थे.कमेटी ने दो जुलाई 2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों की बिल्डर के साथ मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्रवाई न करने का जिम्मेदार पाया था.


किन अधिकारियों-कर्मचारियों पर हुई थी कार्रवाई की सिफारिश


इसके बाद एलडीए उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारी/अधिशासी अभियंता अरूण कुमार सिंह (से0नि0), ओ0पी0 मिश्रा (से0नि0), अधीक्षण अभियंता जहीरूद्दीन, कमलजीत सिंह (पालिका केन्द्रीयित सेवा), सहायक अभियंता ओ0पी0 गुप्ता, राकेश मोहन, राधेश्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेन्द्र सिंह, इस्माइल खान, अवर अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव, जे0एन0 दुबे, जी0डी0 सिंह, रवीन्द्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, मो0 इस्माइल खान, अनिल मिश्रा, पी0के0 गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अम्बरीश शर्मा व रंगनाथ सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किये जाने की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी. 


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