उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुए 328 बच्चों की पहचान कर ली है. यूपी सरकार इन्हें पीएम केयर्स कॉर्पस के जरिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. केंद्र सरकार की 'पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना के लिए आवेदन करने के लिए दस्तावेज तैयार कर रहे हैं, जिसके तहत बच्चे को 18 साल के उम्र तक मासिक आर्थिक सहायता और 23 साल के उम्र में 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके साथ ऐसे बच्चों को सरकार मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा और कपड़ा, किताबें और नोटबुक के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी.


328 कोविड अनाथों की हो चुकी है पहचान


महिला एवं बाल कल्याण के निदेशक मनोज राय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश में हमने 328 अनाथों की पहचान कर ली है. इन अनाथों ने कोविड के दौरान माता-पिता दोनों को खोया है. जिस कारण यह महामारी में अनाथ हो गए. ऐसे अनाथ केंद्र सरकार की योजना के पात्र हैं. हमारे विभाग ने उनका प्रलेखन शुरू कर दिया है, ताकि राज्य सरकार की यूपी मुख्यमंत्री बाल विकास योजना-कोविड के लाभों के अलावा, अनाथों को केंद्र सरकार की योजना के तहत 10 लाख रुपये की सहायता भी मिले सके. गौरतलब हे कि केंद्र सरकार की यह योजना उन अनाथों को कवर नहीं करती जिनके पास कोविड की मृत्यु के दावे का प्रमाण नहीं है.


बच्चों को मिलेगी 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा


पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में के तहत 18 वर्ष के होने पर बच्चे के नाम से 10 लाख रुपए के कार्पस का प्रावधान किया गया है. इसी कार्पस से बच्चे को मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी. बाल हितग्राही की आयु 23 वर्ष होने पर उन्हें 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. आयुष्मान भारत योजना के बाल हितग्राही को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा.


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