UP Police Constable Exam: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट को बड़ी सफलता मिली है. एसटीएफ ने गोरखपुर से उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी पुलिस-2023 की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर साल्वर बैठाने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोपी बायोमेट्रिक कंपनी में फील्ड मैनेजर के पद पर कार्यरत है. उसने गोरखपुर के एक कालेज में परीक्षार्थी की ड्यूटी परीक्षा केन्द्र के गेट पर लगा दिया. इसके बाद साल्वर को परीक्षार्थी के अंगूठे का निशान लगवाकर अंदर परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करा दिया था. इसके बदले में परीक्षार्थियों से मोटी रकम ऐंठी जाती थी.
यूपी एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने साल्वर गैंग के एक सदस्य को गोरखपुर के गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास से मंगलवार की रात 9 बजकर 15 मिनट पर गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान गोरखपुर के एम्स थानाक्षेत्र के कुसम्ही बाजार के रुद्रापुर गांव के पासी टोला के रहने वाले आकाश राव के रूप में हुई है. आरोपी के खिलाफ गोरखपुर के कोतवाली थानाक्षेत्र के आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी 6/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत अरेस्ट किया गया है. आरोपी के पास से एक अदद मोबाइल बरामद हुआ है.
उत्तर प्रदेश भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस-2023 की सीधी भर्ती की आफलाइन लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट कराने का प्रयास कराने, प्रलोभन देने, साल्वर बैठाने और अन्य माध्यमों से नकल कराने का प्रयास कराने वाले गिरोह के सदस्यों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए यूपी एसटीएफ की विभिन्न टीमों और फील्ड इकाईयों को निर्देशित किया गया था. इसके अनुपालन में गोरखपुर के बक्शीपुर स्थित परीक्षा केन्द्र इस्लामियां कालेज ऑफ कामर्स में 17 फरवरी को मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे साल्वर पूर्व मध्य रेलवे के कुरवा चैनपुर में तैनात स्टेशन मास्टर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह को दुर्गेश यादव उर्फ अंकित के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था.
अभ्यर्थी दुर्गेश यादव बायोमैट्रिक कम्पनी का आई कार्ड लगाकर ड्यूटी करते हुए गिरफ्तार हुआ था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ लखनऊ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में गोरखपुर फील्ड यूनिट के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में आरोपी आकाश राव को अरेस्ट किया गया. आकाश राव ने पूछताछ पर बताया कि वह बायोमैट्रिक (गेट पर बायोमैट्रिक कराती है) कम्पनी का फील्ड मैनेजर है. उसने ही दुर्गेश यादव परीक्षार्थी को बायोमैट्रिक एजेन्सी का कार्ड बनाकर दिया था. परीक्षा केन्द्र के गेट पर इसकी ड्यूटी लगा दी थी. साल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह के आने पर इसने अभ्यर्थी दुर्गेश यादव का अंगूठा लगाकर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह को परीक्षा केन्द्र के अन्दर कर दिया गया था.