UP Flood: यमुना (Yamuna) के बाद गाजियाबाद (Ghaziabad) में हिंडन नदी (Hindon River) का जलस्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे रिहाइशी इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. सिटी फॉरेस्ट और अटौर गांव में 5-5 फुट तक नदी का पानी घुस गया है. शुक्रवार देर रात बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन (NDRF Rescue Operation) चलाया. एनडीआरएफ के जवानों ने 40 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. फर्रुखनगर इलाके के नंगला अटौर गांव में शुक्रवार को एकाएक बाढ़ का पानी आबादी की ओर बढ़ने लगा.


हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से सिटी फॉरेस्ट जलमग्न 


आबादी के कुछ मकान करीब 5-5 फुट तक पानी में डूब गए. घरों में रह रहे लोगों ने छतों पर चढ़कर जान बचाई. जिला प्रशासन की सूचना पर एनडीआरएफ की 8वीं बटालियन की एक टीम शाम 6 बजे पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रात 11 बजे तक चले ऑपरेशन में 40 लोगों को घरों से सुरक्षित निकालकर दूर-दराज वाले स्थानों पर पहुंचाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ टीम की लोकेशन दो बार चेंज हुई.


NDRF ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 40 लोगों को बचाया


सभी पॉइंट पर जवानों ने पहुंचकर बाढ़ में फंसे लोगों को जान बचाई. गांव करहेड़ा की चार कॉलोनियों में भी हिंडन नदी का पानी घुस गया है. अचानक पानी आने से कॉलोनियों में रहने वाले एक हजार से ज्यादा परिवार खौफजदा हो गए. शिवचरण कॉलोनी, उदम कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी और काष्णा कॉलोनी को बिल्डर ने काटा है. लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी घरों की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है.


बाढ़ के चलते करीब 175 एकड़ में फैला सिटी फॉरेस्ट बीते तीन दिन से बंद पड़ा है. शुक्रवार देर शाम गाजियाबाद के बाढ़ राहत प्रभारी एडीएम विवेक श्रीवास्तव ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर जायजा लिया. उन्होंने हिंडन नदी के किनारे नहीं जाने की लोगों से अपील की है. किसी भी स्थिति में आपदा के कंट्रोल रूम को सूचित करने का आह्वान किया. एडीएम ने बताया कि गांव करहैड़ा और अटौर में राहत शिविर बना दिए गए हैं. बाढ़ प्रभावित लोग शरण ले सकते हैं. 


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