उत्तर प्रदेश स्थित इटावा में यूपी पुलिस की रंगदारी का मामला सामने आया है. इटावा में जिला अस्पताल के इमरजेंसी में देर रात तैनात डॉक्टर को पुलिस कर्मियों के द्वारा इलाज के नाम पर ले जाने का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पूरी घटना का खुलासा है. जब अस्पताल के लोगों ने एसपी को सूचना दी तब पुलिसकर्मी, डॉक्टर को वापस छोड़ गए. इस दौरान अस्पताल के स्टाफ ने ओपीडी बंद कर दिया था जिसके बाद अधिकारियों ने समझा-बूझाकर काम शुरू कराया.
इटावा के जिला अस्पताल में तैनात इमरजेंसी डॉक्टर को जबरन पुलिस कर्मी इलाज के लिए देर रात को लेकर गए. आरोप है कि एसएसपी की मां की तबीयत का हवाला देकर जबरन डॉक्टर को लेकर गए, जिसको लेकर अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने नाराजगी जताते हुए करीब 1 घंटे तक ओपीडी को बंद रखा. सीएमओ के आश्वासन के बाद ओपीडी चालू की गई. इस मामले में डॉक्टर को ले जाने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है.
डॉक्टरों को जबरदस्ती ले गए पुलिसकर्मी
इटावा जिला अस्पताल में देर रात को इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर राहुल बाबू और फार्मासिस्ट शरद यादव को सिविल लाइन थाना के प्रभारी और पुलिस कर्मियों के द्वारा इमरजेंसी में पहुंच कर बताया कि इटावा के एसएसपी की मां की तबीयत खराब है और जबरदस्ती ले गए.
इसकी सूचना मिलते ही सीएमएस ने एसएसपी से फोन पर बात की जिसके बाद थानाध्यक्ष सुनील कुमार जिला अस्पताल में डॉ राहुल को वापस छोड़ गए. इधर पुलिसकर्मी डॉक्टर को ले गए दूसरी ओर जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने ओपीडी को बंद कर दिया.
सीएमओ ने शुरू कराई ओपीडी
बाद में जिला अस्पताल के सीएमएस ने समझा बुझाकर ओपीडी को शुरू करवाया और पीड़ित से शिकायत लेकर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की. डॉक्टर और फार्मासिस्ट के संगठनों में घटना के बाद बेहद गुस्सा है.अस्पताल प्रशासन ने भी इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र भी दिया है.