UP Electricity Tariff Rates: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में इस साल बिजली दरें नहीं बढ़ाने का आदेश दिया है. आयोग के फैसले से प्रदेश के करीब 3 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. आयोग ने आदेश दिया है कि अभी वही टैरिफ लागू रहेगा जो वर्तमान में है. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि, इस फैसले से बिजली कंपनियों को झटका लगा है.
प्रस्ताव को खारिज कर दिया
बिजली कंपनियों ने स्लैब परिवर्तन और रेगुलेटरी असेट के माध्यम से उपभोक्ताओ की दरों में 10 से 12 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज लगवाने का प्रस्ताव रखा था. आयोग ने इन दोनों प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. बिजली कंपनियों ने आंकड़ों में नुकसान दिखाकर दरें बढ़वाने की पूरी तैयारी की थी लेकिन ऐसा हो ना सका.
बिजली दरें कम करने की मांग
इस मामले उपभोक्ताओं की पैरवी कर रहे राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऐसे तर्क और आंकड़े दिए कि आयोग ने माना कि बिजली उवभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 1059 करोड़ बकाया निकल रहा है. अवधेश वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनी पर उपभोक्ताओं का अब तक कुल 20,559 करोड़ निकल रहा है. अब फिर से उपभोक्ता परिषद अयोग में मुद्दा उठाकर बिजली दरें कम करने की मांग करेगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई थी सुनवाई
बता दें कि इसी साल जून में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टैरिफ बदलने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी. मामले को लेकर हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग से भी जवाब-तलब किया था और आयोग से 8 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था. टैरिफ में बदलाव के प्रस्ताव में नियमों की अनदेखी का आरोप था.
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