UP Election 2022: विधानसभा चुनाव से पहले जाट आरक्षण की मांग एक बार फिर मुखर हो गई है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने विधानसभा चुनाव से पहले घर-घर और गांव-गांव जाकर जाटों को आरक्षण के लिए प्रेरित करने की बात कही है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने आज कहा कि यूपी में जाट समाज वर्ष 2006 से जाटों के आरक्षण के लिए मांग कर रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर पिछले चुनाव तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी जाटों को आरक्षण देने का वादा करते रहे हैं.


उत्तर प्रदेश में जाट आरक्षण की मांग एक बार मुखर


यशपाल मलिक ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद पीएम मोदी और अमित शाह ने जाटों से किया हुआ वादा पूरा नहीं किया. जिसके चलते अब विधानसभा चुनाव से पहले जाट आरक्षण संघर्ष समिति यूपी में ऐसी लगभग 140 विधानसभा के विधायकों को ज्ञापन सौंपेगी, जो विधानसभाएं जाटों के वोट से प्रभावित होती हैं. इसी के साथ समिति के सदस्य गांव-गांव और घर-घर जाकर जाट समाज के लोगों से पीएम मोदी और अमित शाह से आरक्षण की बाबत सवाल उठाने की भी मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने वादे से मुकरती है तो विधानसभा चुनाव से पहले जाट समाज भी कोई बड़ा ऐलान कर सकता है. इसके लिए जाट समाज सिर्फ भाजपा से ही बंधकर नहीं रहेगा. उन्होंने दावा किया कि कोई भी राजनीतिक दल बिना जाटों के समर्थन के प्रदेश में सरकार बनाने में नाकाम रहेगा.


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