UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव का प्रचार खत्म हो गया है. कल यानी 20 फरवरी को मतदान (Voting) किया जाएगा. गौरतलब है कि कल जिन अहम सीटों पर वोटिंग होनी है उसमें करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly Seat) भी शामिल हैं. हालांकि करहल के बहाने बीजेपी यादव परिवार में तकरार को मुद्दा बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.


यूपी चुनाव में करहल सीट बनी हॉट सीट


दरअसल करहल सीट काफी अहम मानी जा रही है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इसी सीट से चुनावी मैदान में है. वहीं करहल पर बेटे की साख दांव पर लगी तो पिता मुलायम सिंह यादव भी पहली बार प्रचार के लिए आ गए. लेकिन यहीं से बीजेपी को यादव परिवार में तकरार के मुद्दे को उछालने का मौका मिल गया. दरअसल सोशल मीडिया पर अखिलेश के लिए प्रचार करने पहुंचे मुलायम सिंह यादव और शिवपाल की तस्वीरें काफी वायरल हुई थी. इन तस्वीरों में शिवपाल यादव, बड़े भाई मुलायम के साथ कुर्सी के हत्थे पर बैठे नजर आए बस फिर क्या था बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया.


शिवपाल यादव ने दिया बीजेपी के आरोपों का करारा जवाब


वहीं बीजेपी के आरोपों का जवाब PSP नेता और एसपी प्रत्याशी शिवपाल यादव ने दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी यादव परिवार के एक होने पर बौखला गई है.  बीजेपी के पास मुद्दे बचे नहीं हैं इसलिए परिवार के एक होते ही बीजेपी का सफाया तय हो गया है.


बीजेपी ने यादव परिवार के कई सदस्यों को अपने पाले में किया शामिल


गौरतलब है कि कि बीजेपी करहल सीट पर दोहरी रणनीति पर काम कर रही है. इनमें से एक यादव परिवार में कलह जगजाहिर करने की है. इसी कड़ी में मुलायम सिंह यादव के समधी और बीजपी के फिरोजाबाद के सिरसागंज सीट से प्रत्याशी हरिओम यादव के बयानों ने भी यादव परिवार के भीतर कलह का भांडा फोड़ दिया. इसी के साथ बता दें कि चुनावों के दौरान बीजेपी ने यादव परिवार के कई रिश्तेदारों को अपने पाले में मिला लिया है. इन्हीं में एक नाम है मुलायम सिंह यादव के साडू एलएस गुप्ता का. ये बीजेपी प्रत्याशी रिया शाक्य के प्रचार में जुटे हैं. बता दें कि एल एस गुप्ता मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बहनोई हैं. लेकिन वे अखिलेश यादव से काफी नाराज़ हैं. इतना ही नहीं हाल ही में एबीपी न्यूज के शो इंडिया चाहता में यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव ने कहा था कि अगर बीजेपी कहेगी तो वो अखिलेश के खिलाफ प्रचार के लिए तैयार हैं.  बहरहाल यादव परिवार में कलह के जरिए बीजेपी करहल में उम्मीद देख रही है.


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करहल में कुल 3 लाख 71 हजार वोटर हैं


गौरतलब है कि करहल में कुल 3 लाख 71 हजार वोटर हैं. इसमें से यादव वोटरों की संख्या करीब 1.25 लाख है. वहीं गैर यादव ओबीसी वोटरों की संख्या 75 हजार है. सवर्ण वोटरों की संख्या इस सीट पर 60 हजार के करीब है जबकि मुस्लिम वोटर करीब 18 से 20 हजार हैं


बीजेपी की रणनीति का दूसरा अहम हिस्सा एससी वोटर हैं


बीजेपी की रणनीति का दूसरा अहम हिस्सा एससी वोटर हैं जो इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाने की ताकत रखते हैं. बीजेपी ने इसी वोट बैंक को ध्यान में रखकर केंद्र में मंत्री एसपीएस बधेल को यहां से उतारा है यही एससी वोट बैंक इस सीट पर समाजवादी रणनीतिकारों को बेचैन कर रहा है.  यानी बीजेपी यादव परिवार में फूट और एससी वोटरों के सहारे करहल का मैदान फतह करने की उम्मीद लगाए है.


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