उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में बीजेपी (BJP) से इस्तीफा देने वाले नेताओं को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल कराने वाले कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज की है. मिली जानकारी के अनुसार राजधानी स्थित सपा के दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम के लिए लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (District Magistrate Abhishek Prakash) की परमिशन नहीं ली गई थी. अब प्रशासन ने इस मामले में महामारी एक्ट (pandemic act) के तहत गौतमपल्ली थाने में FIR दर्ज कराई गई है. 


सपा के कार्यक्रम की जांच को लेकर डीएम ने एक मजिस्ट्रेट की अगुवाई में टीम बनाई थी. मजिस्ट्रेट पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब लोग निकले तो उसकी वीडियोग्राफी हुई और डीएम को एक रिपोर्ट बनाकर दी गई. इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने कार्रवाई की. बताया गया कि समाजवादी पार्टी के लगभग 2,000 से ज्यादा अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. वीडियोग्राफी में जो भी चिन्हित होगा, उसके खिलाफ नामजद मुकदमा कराया जाएगा. प्रशासन ने धारा 144 के उल्लंघन और महामारी एक्ट के तहत धारा 269 और 270 में मामला दर्ज कराया है. इस बाबत डीएम प्रकाश और लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर खुद थाने पहुंचे थे.


राज्य में विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक के लिए रैली पर रोक लगा रखी है. इसके साथ ही आयोग ने नियमों का पालन करने का सख्त निर्देश दिया था. इससे पहले डीएम द्वारा मामले का संज्ञान लिए जाने पर समाजवादी पार्टी की यूपी इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने कहा यह हमारे पार्टी कार्यालय के अंदर एक वर्चुअल कार्यक्रम था. हमने किसी को फोन नहीं किया लेकिन लोग आ गए. लोग COVID प्रोटोकॉल का पालन करते हुए काम कर रहे हैं. भाजपा के मंत्रियों के दरवाजे और बाजारों में भी भीड़ है, लेकिन उन्हें हमसे समस्या है.


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